कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का असर प्रमुख मोबिलिटी कारोबारियों जैसे उबर, ओला और रैपिडो पर पडऩे की संभावना है। बहरहाल उद्योग जगत के आंतरिक लोगों का कहना है कि पिछले साल जितना असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस बार लॉकडाउन ज्यादा सुनियोजित तरीके से लगाया गया है। अमेेरिका की राइडिंग सेवा प्रादा उबर इंक ने कहा है कि उसका भारत में कारोबार कोविड-19 की दूसरी लहर में बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि देश में लॉकडाउन की तरह के ही प्रतिबंध लगे हुए हैं। उबर के मुख्य कार्याधिकारी दारा खुसरोशाही ने कहा, 'हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में चालकों का आधार बनाना है।' उन्होंने कहा कि हमारे शोध से पता चला है कि पिछले साल दो वजहों से चालकों ने हमारा प्लेटफॉर्म छोड़ा है, सुरक्षा को लेकर चिंता और ज्यादा सवारी की मांग को लेकर चिंता। खुसरोशाही ने कहा कि कोविड को लेकर सुरक्षा की चिंता की वजह से कुछ चालकों को ज्यादा हिचकिचाहट थी। चल रहे लॉकडाउन के प्रतिबंधों के कारण जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हुई है। भारत के सबसे बड़े बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म रैपिडो ने आवश्यक वस्तुओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं जैसे जोमैटो, स्विगी, बिग बॉस्केट, डेलहीवरी, ग्रैब, एक्सप्रेसबीज और उड़ान के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जिससे अंतिम छोर तक डिलिवरी दी जा सके। यह साझेदारी दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, बेंगलूरु, चेन्नई, कोलकाता, विजयवाड़ा, तिरुपति और गुंटुर के लिए है। रैविडो इन साझेदारों को दवाओं, आवश्यक किराना के सामान, और रेस्टोरेंटों से खाने की डिलिवरी करने में मदद कर रही है। यह छोटे पैमाने के उद्योगों को अपनी इन्वेंट्र्री बनाए रखने और कोरोना से लडऩे के लिए और राह बनाने में मदद दे रही है। रैपिडो की 100 शहरों में मौजूदगी है, 15 लाख पंजीकृत कैप्टन (चालक साझेदारों) की मदद सेवाएं प्रदान कर रही है।
