बीएस बातचीत कोविड के मामलों में आ रही तेजी और प्रमुख शहरों में लॉकडाउन बढऩे से बाजारों को मई में कई तरह की अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ेगा। बीएनपी पारिबा में एशिया-पैसीफिक इक्विटी रिसर्च के प्रमुख मनीषी रायचौधरी ने पुनीत वाधवा के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि खपत और कुछ सेवा क्षेत्रों में कमी से भारतीय आय अनुमानों में कमी को बढ़ावा मिल सकता है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:क्या भारतीय बाजारों में और गिरावट आ सकती है? भारतीय बाजारों का प्रदर्शन अल्पावधि में एशियाई प्रतिस्पर्धियों (खासकर हांगकांग, चीन, दक्षिण कोरिया और ताईवान) के मुकाबले कमजोर रहने का अनुमान है। हमने हाल में अपने एशियाई मॉडल पोर्टफोलियो में भारत की रेटिंग ओवरवेट से घटाकर न्यूट्रल की है। खपत और कुछ सेवा क्षेत्रों में नरमी से भारतीय आय अनुमानों में डाउनगेड को बढ़ावा मिल सकता है। संभावित सकारात्मक बदलाव टीकाकरण की रफ्तार में तेजी और जिंस कीमतों (खासकर तेल) में नरमी की वजह से देखा जा सकता है। इससे रुपया स्थिर हो सकता है और एफआईआई द्वारा बिकवाली दबाव देखा जा सकता है। इक्विटी को लेकर आपके ग्राहकों का नजरिया कैसा है? कई निवेशक मध्यावधि को लेकर इक्विटी पर सकारात्मक हैं, हालांकि कुछ अल्पावधि के संदर्भ में सतर्क बने हुए हैं। निवेशकों की यह सतर्कता मुद्रास्फीति उछाल के संभावित जोखिम से पैदा हुई है जिससे वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने क्यूई कार्यक्रम को समाप्त किया जा सकता है और ऐसी पूंजी का स्रोत ठप हो सकता है जिससे पिछले साल के दौरान वित्तीय परिसंपत्तियों को लाभ मिला। मध्यावधि के नजरिये से, कई निवेशक यह मान रहे हैं कि इक्विटी मुद्रास्फीति से हेजिंग के लिए श्रेष्ठ है।निवेशकों की तरजीही सूची में भारत की हैसियत क्या है? उभरते बाजार के निवेशक भारत पर उत्साहित हैं, उन्होंने पूरे 2020 वर्ष और 2021 के पहले कुछ महीनों में भारत में अपना निवेश बढ़ाया। वे हाल में आय अनुमानों में डाउनग्रेड और भारत के महंगे मूल्यांकन की आशंका की वजह से सतर्क हुए हैं।2021 के अंत तक सेंसेक्स के लिए आपका लक्ष्य क्या है? वर्ष 2021 के अंत तक सेंसेक्स के लिए हमारा लक्ष्य 52,000 है। यह वर्ष के शेष समय में महज 5 प्रतिशत की तेजी के जरिये हासिल किा जा सकता है। उत्तर एशियाई बाजार महामारी के प्रभाव को पीछे छोड़ चुके हैं और कॉरपोरेट आय सुधार की उम्मीद देख रहे हैं। इन बाजारों द्वारा समान समय अवधि में निवेशकों के लिए ज्यादा प्रतिफल दिए जाने की संभावना है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है? अल्पावधि में, मिड-कैप और स्मॉल-कैप का प्रदर्शन उनके प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर रहने का अनुमान है। दबाव की अवधियों के दौरान (जैसा कि हम अभी गुजर रहे हैं, बड़ी कंपनियां अपेक्षाकृत दबाव-मुक्त रूप से परिचालन कर सकती हैं और बाजार भागीदारी में इजाफा कर सकती हैं।रक्षात्मक के मुकाबले चक्रीयता का उपयुक्त मिश्रण क्या है जिस पर निवेशकों को अब ध्यान देना चाहिए? हम चक्रीयता, रक्षात्मक और वृद्घि पर दांव के साथ अपने इक्विटी परिसंपत्ति आवंटन में समायोजित रणनीति पर अमल किया है। भारत में, हम वित्त और ऊर्जा और कंज्यूमर स्टैपल्स, दूरसंचार तथा आईटी सेवाओं के जरिये चक्रीयता संबंधित दांव लगा रहे हैं। हमने चुनिंदा कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, खासकर वाहन क्षेत्र के लिए आवंटन पर जोर दिया है जो भारत में दीर्घावधि विकास से संबंधित सफलता से जुड़ा हुआ है और इसे बढ़ती उत्पाद पहुंच से मदद मिली है। हमारा भारत संबंधित 50 प्रतिशत से कुछ कम आवंटन चक्रीयता संबंधित है। हमने हाल में भारतीय वित्त पर अपना निवेश आवंटन घटाया है और आईटी के लिए बढ़ाया है।बैंकों पर आपका नजरिया? एशियन मॉडल पोर्टफोलियो में अपने ताजा बदलाव के तहत हमने भारतीय बैंकों के लिए निवेश घटाया और आईटी के लिए बढ़ाया है। साथ ही हम अच्छी गुणवत्ता के निजी बैंकों के लिए निवेश बनाए रखेंगे। प्रमुख भारतीय बैंकों के साथ हमारी बातचीत से यह स्पष्ट हुआ है कि कई बैंकों को आरबीआई द्वारा एकमुश्त एमएसएमई ऋण वितरण योजना बढ़ाए जाने की उम्मीद है।क्या कोविड की दूसरी लहर से अगली दो तिमाहियों में आय की गति प्रभावित होगी? निफ्टी की कंपनियों के लिए बीएनपी पारिबा का आय वृद्घि अनुमान वित्त वर्ष 2022 में 25 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 के लिए 21.7 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2021 में कम आधार को देखते हुए ये अनुमान हासिल होने योग्य लग रहे हैं। हालांकि कुछ प्रमुख सूचकांकों के लिए आय वृद्घि अनुमानों ने हमें चिंतित किया है।
