दिल्ली की इंटरनेट सेवा कंपनी इन्फो एज ने 2010 में जोमैटो में महज 60 लाख रुपये का निवेश किया था। अब उसके इक्विटी निवेश पर 77 गुना रिटर्न मिल रहा है। फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो की ओर से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दायर मसौदा पत्र (ड्राफ्ट हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) के अनुसार, इन्फो एज के पास 1.16 रुपये मूल्य के 1.244 अरब शेयर हैं। इस प्रकार उसके निवेश का कुल आकार 144.31 करोड़ रुपये होता है। ये निवेश अगस्त 2010 और फरवरी 2015 के दौरान किए गए थे। इस शेयर हिस्सेदारी में बोनस के तौर पर आवंटित शेयर और तरजीही शेयरों का रूपांतरण भी शामिल हैं। जोमैटो आईपीओ के जरिये 7,500 करोड़ रुपये भी जुटा रही है। इसके लिए ताजा शेयर जारी किए जा रहे हैं जिससे 60,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर 12.5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री होगी। आईपीओ से पहले जोमैटो में इन्फो एज की हिस्सेदारी 18.55 फीसदी है जिसका मूल्यांकन 11,130 करोड़ रुपये होगा। आईपीओ के तहत वह जोमैटो में 750 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों अथवा 1.25 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी। इस बिक्री और आईपीओ के बाद इन्फो एज की जोमैटो मेंं 15.14 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रहेगी। आईपीओ के 60,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर इस हिस्सेदारी का मूल्यांकन 9,084 करोड़ रुपये है। आईपीओ के मसौदा पत्र में कंपनी ने पहली बार अपने वित्तीय आंकड़ों और वृद्धि का खुलासा किया है। अनुसंधान फर्म रेडसीर का उल्लेख करते हुए जोमैटो ने कहा है कि पिछले चार वर्षों के दौरान उसने लगातार बाजार हिस्सेदारी हासिल की है ताकि वह 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) के लिहाज से भारत के फूड डिलिवरी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी बन सके। जोमैटो ने भारत के फूड डिलिवरी क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हासिल की है। साल 2017-18 के दौरान उसके ऑर्डरों की संख्या 3.06 करोड़ थी जो बढ़कर 2019-20 में 13.2 गुना बढ़कर 40.31 करोड़ हो गई। इस दौरान उसका जीओवी 8.4 गुना बढ़कर 1,334.14 करोड़ रुपये से 11,220.90 करोड़ रुपये हो गया। जोमैटो की नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियों में वृद्धि का एक अन्य दिलचस्प पहलू भी है। फूड डिलिवरी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाला कारोबार है और इसमें ग्राहकों के स्थानांतरित होने और एमेजॉन जैसी वैश्विक कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर बहीखाते पर पर्याप्त नकदी होने से काफी मदद मिलनी चाहिए। दिसंबर 2020 में समाप्त नौ महीनों के दौरान जोमैटो के पास कुल करीब 4,967 करोड़ रुपये की नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्ति थी। पिछले तीन वित्त वर्ष से तुलना की जाए तो इसमें उल्लेखनीय वृद्धि दिखेगी। इसके अलावा कंपनी ने इस साल के आरंभ में टाइगर ग्लोबल, कोरा एवं अन्य निवेशकों से 1,800 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे उसके पास करीब 6,767 करोड़ रुपये की नकदी हो गई। यदि आईपीओ सफल रहा तो जोमैटो के पास 7,500 करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे जिससे उसके पास कुल करीब 14,000 करेाड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी।
