केंद्र ने गुरुवार को नेबुलाइजर, ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर और 15 अन्य जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरणों के आयात के लिए मंजूरी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। यह कदम देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच ऐसी वस्तुओं की मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया है। 29 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले तीन महीनों के लिए, आयातकों को सीमा शुल्क निकासी के बाद लेकिन बाजार में आने से पहले नियमों के तहत आवश्यक घोषणाएं करनी होंगी। यह आदेश ऑक्सीजन सिलिंडर, क्रायोजेनिक सिलिंडर, ऑक्सीजन कंटेनर और वेंटिलेटर सहित अन्य वस्तुओं पर लागू होगा। अभी तक, आयातकों को सीमा शुल्क मंजूरी से पहले सामान की स्टैंपिंग करने, उन पर कीमत संबधी स्टिकर लगाने जैसे नियमों का पालन करना होता था। खुदरा बिक्री से पहले सामान पर कीमत संबधी स्टिकर लगाना भी मुनाफाखोरी रोकने की दिशा में एक कदम है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'इसलिए, कोविड महामारी को देखते हुए और चिकित्सा उपकरणों की मांग को पूरा करने के लिए, मिट्रॉलजी नियम 2011 की शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने चिकित्सा उपकरणों के आयातकों को तीन महीने के लिए निम्नलिखित चिकित्सा उपकरणों का आयात करने की अनुमति दी है। हालांकि आयातकों को इन नियमों के तहत आवश्यक सभी घोषणाओं को तुरंत करना होगा ...।' इसमें कहा गया है कि भारत में शिपमेंट के तुरंत बाद आयातकों को मापिकी विभागों में अधिकारियों को सूचित करना होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और संबंधित वस्तुओं की मांग में वृद्धि को देखते हुए, कई कंपनियों ने पहली बार इन चिकित्सा उपकरणों का आयात शुरू किया है। इस तरह के कदम से इन सामान को मिलने वाली मंजूरी में तेजी आएगी। ईवाई में टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, 'सरकार ने कोविड-19 संबंधित आयात होने वाली आवश्यक सामग्री को सीमा शुल्क निकासी के बाद लेकिन बिक्री से पहले लेबल लगाने की अनुमति देकर प्रक्रिया को काफी लचीला बनाया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है और निश्चित रूप से इसके चलते जीवन रक्षक उपकरणों की शीघ्र क्लीयरेंस में मदद होगी।' पिछले हफ्ते, वित्त मंत्रालय आयातित ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों पर ने तीन साल के लिए बुनियादी सीमा शुल्क एवं स्वास्थ्य उपकर को समाप्त कर दिया। इसके अलावा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को इस तरह के शिपमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता पर मंजूरी देने के लिए कहा है।
