भयानक दर से संक्रमण और मौतों के बढ़ते मामलों के साथ देश में कोविड-19 की बिगड़ती परिस्थिति और जीवन बीमाकर्ताओं के खराब दावे अनुभव ने एक ऐसी स्थिति को जन्म दे दिया है जिसमें जीवन बीमा कंपनियां कुछ कॉर्पोरेट निकायों की समूह टर्म पॉलिसियों के नवीनीकरण के प्रति सतर्क हो गई हैं। उन्होंने नवीनीकरण से इनकार के लिए कम प्रीमियम सहित कई कारण गिनाए हैं। समूह टर्म पॉलिसियों के तहत एक ही पॉलिसी में लोगों के समूह को जीवन बीमा कवर की पेशकश की जाती है। समूह बीमा पॉलिसी केवल नियोक्ता और कर्मचारी समूहों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा अन्य समूहों तक है जैसे कि बैंकों के ग्राहक, एनजीओ, पेशेवर समूह, गैर-बैंकिंग वित्त संस्थाएं और सूक्ष्मवित्त संस्थाएं। ट्िवटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर लोगों को यह शिकायत करते हुए देखा गया कि कई निजी बीमा कंपनियां समूह टर्म प्लानों का नवीनीकरण नहीं कर रही हैं क्योंकि वे महामारी के दौरान ऐसे जोखिमों को अंकन करना नहीं चाहती हैं। हाल ही में किसी मीडिया कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस, एगॉन लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और कोटक लाइफ इंश्योरेंस जैसे कुछ निजी बीमाकर्ता उनके समूह टर्म लाइफ प्लान के नवीनीकरण से इनकार कर दिया। मार्श इंडिया के कंट्री हेड और मुख्य कार्याधिकारी संजय केडिया ने कहा, 'ग्राहकों को नवीनीकरण कराने में मुश्किल हो रही है। बहुत सारे मामलों में समूह टर्म जीवन बीमा की दरें बढ़ गई है और कुछ बीमाकर्ता अपने पोर्टफोलियो में कटौती कर रहे हैं। कुल मिलाकर पुनर्बीमाकर्ता जोखिम के आकलन और संभावित खुलासों में बहुत सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि वे अपने पोर्टफोलियो में उतार चढ़ाव से बचना बचना चाहते हैं। इसलिए छोटे समूहों को अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हमें ऐसा रुझान देखने को नहीं मिला है कि कवरेज की पेशकश नहीं हो रही है। विकल्प तो उपलब्ध हैं लेकिन जोखिम बढ़ जाने से अब पहले से अधिक प्रीमियम देना होगा।' बिजनेस स्टैंडर्ड ने कई निजी बीमाकर्ताओं के पास पहुंचकर जानने की कोशिश की कि किस कारण से जीवन बीमा कंपनियां समूह टर्म पॉलिसियों के नवीनीकरण से इनकार कर रही हैं। मैक्स लाइफ के निदेशक और मुख्य विपणन अधिकारी आलोक भान ने कहा, 'मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के लिए समूह टर्म बीमा एक महत्त्वपूर्ण कारोबार श्रेणी बना हुआ है। हालांकि, सभी जीवन बीमा कारोबारों की तरह मौजूदा कोविड महामारी समूह टर्म करोबार के प्रदर्शन पर बहुत अधिक जोखिम डाल रहा है। लिहाजा, ऐसे समय पर किसी भी कारोबार का सावधानीपूर्वक जोखिम अंकन किए जाने की जरूरत है। फिलहाल मैक्स लाइफ समूह टर्म कारोबार का अंकन पहले की तरह कर रही है और अपने मौजूदा कॉर्पोरेट समूह ग्राहकों को कवरेज नवीनीकरण की पेशकश जारी रखे हुए है।' उल्लेखनीय है कि जीवन बीमाकर्ताओं ने कोविड-19 की मृत्यु दावों पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं जो हर साल उन्हें मिलने वाले सामान्य मृत्यु दावों से बहुत अधिक है। ऐसे में महामारी के दौरान उनके लिए दावा अनुभव के साथ मृत्यु दर का अनुभव बहुत खराब हो गया है। जीवन बीमा परिषद की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 25 मार्च तक जीवन बीमाकर्ताओं ने 25,500 कोविड मृत्यु दावों के एवज में 1,986 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। पिछले कुछ हफ्तों में कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश में तबाही ला दी है। कोविड के कारण भयानक दर से संक्रमण के मामलों और मृत्यु की संख्या में उछाल आ रही है। इस परिस्थिति को देखते हुए जीवन बीमाकर्ताओं के लिए दावा अनुभव बहुत अधिक खराब होने की आशंका है। विशेषज्ञों ने कहा कि जीवन बीमाकर्ताओं के लिए खराब दावा अनुभव तुरंत उनके दिवालिया अनुपात पर असर तो नहीं डालेगा लेकिन निश्चित तौर पर इससे उनका लाभ प्रभावित होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक असर सबसे अधिक सीधे समूह टर्म पॉलिसियों पर पड़ेगा जिनका सालाना नवीनीकरण होता है। दीर्घकालिक बचत उत्पादों में कंपनियों के पास उच्च जोखिम सहनशीलता क्षमता होती है और उतार चढ़ाव को झेलने के लिए लंबा वक्त होता है।
