पिछले हफ्ते बिहार के बक्सर रेलवे स्टेशन पर उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब पता चला कि महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों का कोविड-19 जांच किया जा रहा है। जांच से बचने के लिए यात्रियों का वहां से भाग निकलने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब फैला। इसके बाद यात्रियों के ऐसे व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और आशंका जताई गई कि इससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ेगा। गंगा नदी के किनारे बसे बक्सर की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र से आने वाले यात्री कम से कम दो भारी जनसंख्या वाले राज्यों में संक्रमण फैला सकते हैं जहां स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा भी कमजोर है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र देश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। यह घटना भले ही सबसे अधिक लोगों की नजर में आई हो लेकिन यह एक मात्र ऐसा मामला नहीं है जहां यात्री एकांतवास वार्डों में बंद होने के डर से कोविड-19 जांचों से नजरें बचा रहे हैं। दिल्ली से हाल ही में पटना राजधानी में यात्रा करने वाले सुधाकर ने कहा, 'अधिकांश यात्रियों को भय है कि यदि वे जांच में पॉजीटिव पाए जाते हैं तो उन्हें पिछले साल की तरह राहत शिविरों में भेज दिया जाएगा। बीमारी को लेकर इस तरह की सोच होने से उसका उपचार मुश्किल हो जाता है और यात्री इससे बचने के लिए अपने गंतव्यों की ओर निकल पड़ते हैं।' रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक महाराष्ट्र, उत्तराखंड और ओडिशा ने अपने यहां आने वाले रेल यात्रियों की कोविड-19 की जांच कराने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। ये राज्य यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट चाहते हैं। हालांकि, फिलहाल के लिए रेलवे गंतव्य स्थानों पर जहां कहीं आवश्यकता पड़ेगी राज्यों की मदद करेगा। इस काम को राज्य सरकार और रेलवे जोन की आपसी सहमति से निर्धारित तरीके से किया जाएगा। इसका मतलब है कि यात्रियों के पहुंचने वाले राज्य यदि चाहें तो यात्रियों की किसी जांच या रिपोर्ट को पहुंचने के स्थान पर जांचा जाएगा। लेकिन स्थिति में लगातार परिवर्तन आ रहा है और केंद्र निरंतर राज्य सरकारों के साथ मिलकर परिस्थिति की समीक्षा कर रहा है। इस प्रकार की जांच पर जोर देने वाले राज्यों के लिए उड़ान भरने वाले यात्रियों का विमानन कंपनियों की ओर से अनिवार्य आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। इसी महीने राजस्थान जैसे राज्यों ने गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों की अनिवार्य कोविड-19 निगेटिव जांच रिपोर्ट की मांग की थी। अन्य राज्यों जैसे कि तमिलनाडु ने अपने यहां आने वाले रेल यात्रियों के लिए ई-पंजीकरण को अनिवार्य किया था। असम में महाराष्ट्र, कर्नाटक से होकर आने वाले ट्रेनों में यात्रियों के लक्षण की जांच की जाती है और उसके बाद लक्षण सामने आने पर उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) किया जाता है। रविवार को महाराष्ट्र ने भी घोषणा की कि केरल, गोवा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और उत्तराखंड से आने वाले ट्रेन यात्रियों को अब राज्य में आने के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट की आवश्यकता पड़ेगी। जांच यात्रा से 48 घंटे पहले का होना चाहिए। यात्रियों को निर्देशित करने के उपायों पर टिप्पणी करते हुए रेलवे के प्रवक्ता ने कहा, 'अपने टिकट बुकिंग वेबसाइटों, घोषणाओं और सूचनाओं के जरिये भारतीय रेलवे भी संभावित यात्रियों को लगातार सूचित कर रहा है और सलाह दे रहा है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस प्रकार से बनाएं कि उन्हें राज्यों की ओर से निर्धारित आरटी-पीसीआर और अन्य नियमों से गुजरना होगा। यह महत्त्वपूर्ण है कि यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले इन बातों की जानकारी हो।'
