मार्च तिमाही में दमदार शुरुआत के बाद कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के कारण परिधान रिटेलरों को विभिन्न श्रेणियों में बिक्री की रफ्तार सुस्त पड़ती दिख रही है। परिधान रिटेलरों को कोविड की दूसरी लहर का तगड़ा झटका लगा है। विभिन्न खुदरा विक्रेताओं ने अपने मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजों में दमदार वृद्धि के संकेत दिए थे जिसे एक साल पहले के कमजारे आधार से बल मिला था। एवेन्यू सुपरमाट्र्स जैसे किराना वस्तुओं के खुदरा विक्रेता ने मार्च तिमाही में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि टाइटन (आभूषण) की बिक्री में 60 फीसदी की तेजी आई। क्यूएसआर यानी त्वरित सेवा रेस्तरां ने भी संभवत: दो अंकों में वृद्धि दर्ज की है। फुटवियर, इनरवियर और किचन अप्लायंसेज जैसी गैर-जरूरी श्रेणियों में भी दमदार वृद्धि बरकरार रहने की उम्मीद है। विभिन्न राज्यों में कोविड संबंधी पाबंदियों के कारणर मॉल एवं स्टोरों को तात्कालिक तौर पर बंद किए जाने और केवल आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की अनुमति होने से खुदरा विक्रेताओं को झटका लगा है। इस श्रेणी में ट्रेंट और वी-मार्ट को अपवाद माना जा सकता है जो जुडियो स्टोर और गैर-महानगरों में अपनी मौजूदगी के बल पर ऊंचे एक अंक में वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। एथलीजर की अधिक मांग और कमजोर आधार से भी पेज इंडस्ट्रीज एवं टीसीएनएस क्लोथिंग को दो अंकों में वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी। विभिन्न राज्यों में लगाई गईं कोविड संबंधी पाबंदियों के साथ-साथ कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण निकट भविष्य में इस क्षेत्र को तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में जिन कंपनियों की अधिक मौजूदगी है उन्हें देश भर में मौजूदगी वाली कंपनियों के मुकाबले अधिक झटका लगेगा। शॉपर्स स्टॉप की करीब 29 फीसदी स्टोर महाराष्ट्र में हैं जबकि एवेन्यू सुपरमाट्र्स और वेस्टलाइफ डेवलपमेंट के मामले में यह आंकड़ा क्रमश: 36 फीसदी और 41 फीसदी है। एडलवाइस रिसर्च ने मार्जिन में सुधार होने के अनुमान के साथ कहा है कि कच्चे माल की कीमतों में तेजी से विशेष तौर पर परिधान कंपनियों को झटका लगेगा। पिछले छह महीने के दौरान धागे की कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं। हालांकि पिछले साल अचानक लगाए गए लॉकडाउन के मुकाबले लाभप्रदता पर प्रभाव कम दिखेगा।
