टाटा स्टील की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सहायक टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (विगत में टीएस एलॉय लिमिटेड के नाम से मशहूर) की योजना भारत में फोरो क्रोम की विनिर्माण क्षमता मौजूदा 4.5 लाख टन से बढ़ाकर निकट भविष्य में 9 लाख टन करने की है। साल 2020 की नीलामी में टाटा स्टील माइनिंग ने तीन क्रोमाइट खदानों का अधिग्रहण किया है और ये हैं सुकिंदा क्रोमाइट खदान, सारुविल क्रोमाइट खदान और कमारडा क्रोमाइट खदान। इन खदानों को 50 साल के पट्टे पर दिया गया है। इन खदानों का परिचालन शुरू हो गया है और सालाना क्षमता 15 लाख टन की है। यह कंपनी को देश में क्रोम अयस्क खनन में सबसे बड़ी कंपनी बनाता है। टाटा स्टील ने आज जारी विज्ञप्ति में ये बातें कही। टाटा स्टील माइनिंग के चेयरमैन और टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कच्चा माल) डी बी सुंदर रामन के हवाले से कहा गया है, भारत में फेरो क्रोम की विनिर्माण क्षमता में इजाफे के लिए हम खुद के दम पर और विलय-अधिग्रहण का रास्ता चुनेंगे। हमारे पास अच्छी गुणवत्ता वाला क्रोम अयस्क उपलब्ध है। यह टाटा स्टील माइनिंग को देश में अग्रणी क्रोम कंपनी बना देगा और वैश्विक स्तर पर इसका स्थान अग्रणी पांच कंपनियों में होगा। इससे चीजें वैल्यू एडिशन और क्रोम अयस्क को फेरो क्रोम में बदलने पर ध्यान केंद्रित करने का मतलब बनता है। क्रोमाइट अयस्क का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए यह पहल की गई है ताकि फेरो क्रोम देसी व वैश्विक ग्राहकों के बढ़ते आधार को अपनी सेवाएं दे सके, जो स्टेनलेस स्टील विनिर्माण के कारोबार में हैं।
