देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस में 31 मार्च 2021 को समाप्त तिमाही के दौरान कर्मचारियों के छोडऩे की दर 15.2 फीसदी दर्ज की गई। कंपनी ने चार तिमाही पहले इस मोर्चे पर इतनी अधिक संख्या दर्ज की थी। इस बीच टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में कर्मचारियों के छोडऩे की दर 7.2 फीसदी रही जो सर्वकालिक निचला स्तर है। दिसंबर 2020 में समाप्त तिमाही के दौरान कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक तौर पर कंपनी छोडऩे की दर 10 फीसदी थी। इन्फोसिस के सीओओ यूबी प्रवीण राव ने स्वीकार किया कि कंपनी में कर्मचारियों के छोडऩे की दर 13 से 15 फीसदी के बीच रही है लेकिन चौथी तिमाही में यह आंकड़ा कहीं अधिक रहा। राव ने कहा, 'हमने अपने कर्मचारियों को बरकरार रखने के लिए वेतन वृद्धि सहित कई कदम उठाए हैं।' उन्होंने यह भ्भी कहा कि कंपनी ने दमदार तरीके से वेतन वृद्धि की घोषणा की है। राव ने कहा, 'पहली वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2021 को प्रभावी हुई और दूसरी जुलाई में होगी। हमने हमेशा वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि दी है। इसके बावजूद हमने यह भी कहा है कि प्रतिभाओं को कंपनी में बरकरार रखने के लिए यदि कोई अन्य आवश्यक कदम उठाने की जरूरत होगी तो हम वैसा करेंगे।' इन्फोसिस ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2022 में वह परिसरों से करीब 25,000 फ्रेशरों की नियुक्ति करेगी। कंपनी ने कहा है इसके तहत पूरे भारत और विदेश में नियुक्ति की जाएगी। वित्त वर्ष 2021 में कंपनी ने 21,000 फ्रेशरों की नियुक्ति की जिसमें भारतीय परिसरों से 19,000 और विदेशी परिसरों से 2,000 नियुक्तियां की गईं। कंपनी वित्त वर्ष 2022 के लिए करीब 24,000 फ्रेशरों को नियुक्ति पत्र जारी करेगी जबकि 1,000 नियुक्तियां विदेशी परिसरों से की जाएंगी। वित्त वर्ष 2021 के अंत में कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 2,59,619 थी और चौथी तिमाही के दौरान उपयोगिता दर 87.7 फीसदी रही। टीसीएस ने इस सप्ताह के आरंभ में अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा है कि वह इस साल करीब 40,000 लोगों को नियुक्त करेगी। पिछले साल भी उसने 40,000 लोगों को नियुक्त किया था।
