जरूरतमंद को ही पहले मिले टीका | रुचिका चित्रवंशी / April 06, 2021 | | | | |
देश में संक्रमण के बढ़ते मामले और 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देने की बढ़ती मांग के बीच स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण की प्रक्रिया एक खास वर्ग समूहों तक सीमित रखने की रणनीति इस उद्देश्य के साथ बनाई गई है कि जो लोग टीका चाहते हैं उन्हें टीका देने के बजाय उन लोगों को प्राथमिकता दी जाए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने की अनुमति दिए जाने की चर्चा का जवाब देते हुए भूषण ने संवाददाताओं से कहा कि सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि ज्यादातर पश्चिमी देशों में टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया का मकसद मरने वालों की संख्या को कम करना और स्वास्थ्य सेवा तंत्र को सुरक्षित रखना है। भूषण ने कहा, 'सबसे कमजोर और असुरक्षित लोगों को बचाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत करते हुए कहा था कि देश में कोविड की वजह से हुई मौतों में इस उम्र सीमा के करीब 88 फीसदी लोग शामिल थे।' स्वास्थ्य सचिव ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और स्वीडन सहित उन देशों की मिसाल दी जिन्होंने टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया बुजुर्ग आबादी या उन लोगों तक सीमित रखा है जो काफी जोखिम की स्थिति में हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, 'टीके की मात्रा की एक निश्चित सीमा है। हमें महामारी को नियंत्रित करने पर से अपना ध्यान नहीं हटाना चाहिए। सवाल यह है कि क्या हम टीकाकरण केंद्रों की क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं या कोविड को देखते हुए उचित और सतर्कतापूर्ण व्यवहार अपना रहे हैं?' 6 अप्रैल की सुबह तक देश में करीब 83 लाख से अधिक खुराक दी गई थी। देश में एक दिन में सबसे ज्यादा टीके दिए जाने का भी रिकॉर्ड बना और 43 लाख से अधिक खुराक दी गई।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को निर्देश भी जारी किया है कि अगर उनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है तो वे कोविड टीका ले लें। भारत में रोजाना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले लगातार दर्ज किए जा रहे हैं और पिछले एक दिन में 96,982 नए मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत आठ राज्यों में रोजाना संक्रमण के नए मामलों में काफी तेजी देखी गई है। इन राज्यों से 80.04 फीसदी नए मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई है और दिल्ली सरकार ने भी राजधानी में रात के कर्फ्यू की घोषणा की है और 30 अप्रैल तक रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा।
कोविड की वजह से होने वाली मौत की तादाद भी काफी तेजी से बढ़ रही है और पिछले 24 घंटे में 446 लोगों की मौत हुई है और यह तादाद पिछले साल के जुलाई के स्तर तक पहुंच गई है। महामारी के पहले चरण के दौरान भारत में रोजाना मरने वालों की तादाद 1,000 से अधिक होती थी।
कुंभ के आयोजन और कोविड से जुड़े जोखिमों पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इस आयोजन की अवधि में पहले ही कटौती हो चुकी है और अब यह तीन-चार महीने के बजाय महज एक महीने कर दी गई है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। केंद्र सरकार ने 50 उच्च स्तरीय बहुविषयक जन स्वास्थ्य दलों का गठन किया है और उन्हें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में संक्रमण के बढ़ते मामलों और मृत्यु दर में वृद्धि की सूचना देने के लिए जिलों में तैनात किया गया है। ये टीमें राज्य स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्राधिकरणों को कोविड-19 की निगरानी, नियंत्रण और रोकथाम उपायों में मदद करेंगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने दोबारा संक्रमित होने के मुद्दे पर कहा कि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा कुल मामलों का करीब एक प्रतिशत है। दोबारा संक्रमित होने की परिभाषा को अद्यतन करते हुए 102 दिनों के अंतराल पर जांच में दो पॉजिटिव रिपोर्ट आना और इसके बीच एक निगेटिव जांच रिपोर्ट आना बताया गया है।
एक महीने का राष्ट्रीय लॉकडाउन लगा तो दो प्रतिशत तक घट सकता है जीडीपी: रिपोर्ट
भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अभी काफी 'धीमा' है और ऐसे में अगर कोविड-19 संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक माह का लॉकडाउन लगाया जाता है, तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दो प्रतिशत तक घट सकता है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने मंगलवार को यह बात कही। बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा कि संक्रमण के मामले छह गुना बढ़कर 1.03 लाख पर पहुंच गए हैं। राज्य सरकारों ने इसकी प्रतिक्रिया में अभी स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया है। भाषा
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