सरकारी बैंकों के पूंजी बॉन्ड की हैसियत कम | अभिजित लेले / मुंबई April 02, 2021 | | | | |
सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के लिए जारी होने बॉन्डों की शुद्ध हैसियत बाजार में समान परिपक्वता अवधि वाले अन्य सरकारी पत्रों के मुकाबले 50 फीसदी कम होगी। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग ने यह खुलासा किया है। इन प्रतिभूतियों में प्रवाह यानी खरीद-फरोख्त न होने के कारण अधिक वृद्धि नहीं होगी। इसलिए इन बॉन्डों की इक्विटी को अधिक मजबूती नहीं मिलेगी लेकिन इन्हें नियामकीय मानदंडों का सहारा मिल सकता है।
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय लिया है जिनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 4,800 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक में 4,100 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया में 3,000 करोड़ रुपये और यूको बैंक में 2,600 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2021 के लिए शेष बजटीय आवंटन से बिना ब्याज वाले (गैर-हस्तांतरणीय) विशेष सरकारी प्रतिभूतियों के जरिये किया गया है।
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