करीब 31 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग और शोध एवं विकास (ईऐंडआरडी) क्षेत्र उत्साहित दिख रहा है। जापान की हिताची ने अमेरिकी कंपनी ग्लोबललॉजिक का 9.6 अरब डॉलर में अधिग्रहण किए जाने की घोषणा की है। यदि यह सौदा पूरी तरह सफल रहता है तो यह इंजीनियरिंग सेवा क्षेत्र में सबसे बड़ा और किसी जापानी कंपनी द्वारा भी सबसे बड़ा सौदा होगा। इस सौदे से पहले, कैपजेमिनाई ने वर्ष 2020 में 4 अरब डॉलर में अल्ट्रॉन टेक्नोलॉजिज का अधिग्रहण किया था, और कुछ साल पहले हर्मन इंटरनैशनल इंडस्ट्रीज ने रोमेश वाधवानी की सिंफनी टेलेका का 78 करोड़ डॉलर में सौदा किया, जिसे बाद में सैमसंग द्वारा खरीदा गया था। इस अधिग्रहण के जरिये, हिताची को ग्लोबललॉजिक की अत्याधुनिक डिजिटल इंजीनियरिंग क्षमताओं और ग्राहक आधार में इजाफा होने की संभावना है। इस ग्राहक आधार पर प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं। यह अधिग्रहण हिताची के पांच क्षेत्रों - आईटी, ऊर्जा, उद्योग, मोबिलिटी और स्मार्ट लाइफ - और ऑटोमोटिव सिस्टम बिजनेस (हिताची एस्टेमो) के बीच तालमेल बढऩे की संभावना है। अमेरिका में मुख्यालय वाली ग्लोबललॉजिक की भारत में अच्छी उपस्थिति है और उसके वैश्विक रूप से कर्मचारियों की संख्या 20,000 है, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी नोएडा, हैदराबाद, बेंगलूरु और चेन्नई में बैठते हैं। इसके अलावा वर्ष 2019 से कंपनी ने भारत में अपनी उपस्थिति मजबूत बनाई है। ईआईआईआरट्रेंड के संस्थापक एवं मुख्य विश्लेषक पारेख जैन ने कहा, '9.6 अरब डॉलर मूल्यांकन के साथ, यह ग्लोबललॉजिक के लिए बिक्री का 11-12 गुना जैसा है। यह ईपीएएम जैसी अन्य सॉफ्टवेयर उत्पाद कंपनियों के मूल्यांकन के समान है। हैप्पिएस्ट माइंड का मूल्यांकन भी समान दायरे में है।' हाल के समय में ईऐंडआरडी क्षेत्र ने बड़ी कंपनियों पर खास ध्यान दिया है, क्योंकि इंजीनियरिंग डिजिटल बदलाव खंड में मुख्य घटक है। डिजिटल सेगमेंट के लिए, डिजिटल या सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंजीनियरिंग सभी सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट और डिजिटल प्लम्बिंग की रीढ़ है। फिजीकल सेगमेंट के लिए यह इंडस्ट्री 4.0 है जो निर्माण एवं परिसंपत्ति-केंद्रित उद्योगों में बदलाव पर जोर दे रहा है। इसके अलावा, बाजार आकार और मौजूदा वृद्घि दर ने भी इंजीयिरिंग क्षेत्र को आकर्षक सेगमेंट बना दिया है। जैन ने कहा, 'वैश्विक आरऐंडडी खर्च 1.5 लाख करोड़ डॉलर का है और आउटसोस्र्ड आरऐंडडी खर्च इसका सिर्फ पांच प्रतिशत है। इसके अलावा, इंजीनियरिंग सेवा के लिए मौजूदा बाजार आईटी तथा बीपीओ जैसी अन्य सेवाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है। जहां आईटी और बीपीओ में वृद्घि की रफ्तार धीमी हुई है।' हिताची-ग्लोबललॉजिक सौदा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इंजीनियरिंग स्पेस में सबसे बड़े सौदों, और प्रख्यात कंपनियों में से एक है, जिनमें पुणे की पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, सायंट और क्वेस्ट मुख्य रूप से शामिल हैं। जैन का मानना है कि इस सौदे का भारत में बड़ा सकारात्मक असर दिखेगा।
