पैसिव एयूएम बढ़ाने में विफल रहे हैं म्युचुअल फंड | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई March 28, 2021 | | | | |
पैसिव उत्पादों की परिसंपत्तियां पिछले तीन साल के दौरान तीन गुनी हो गई हैं। इन उत्पादों में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और सूचकांक फंड शामिल होते हैं। हालांकि इन परिसंपत्तियों में वृद्घि की रफ्तार धीमी रही, लेकिन म्युचुअल फंड उद्योग ने ऐसी पेशकशों में शानदार तेजी दर्ज की और पिछले साल में 18 नए उत्पाद पेश किए तथा अन्य आठ इस महीने पेश किए जाने हैं। लेकिन कई ऐसी योजनाओं को ज्यादा परिसंपत्तियां आकर्षित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा और 116 पैसिव योजनाओं में से सिर्फ 22 ने ही 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की एयूएम दर्ज कीं और करीब 55 की परिसंपत्तियां 100 करोड़ रुपये से कम की रहीं।
इस सूची में नई पेशकशों में ऐक्सिस म्युचुअल फंड से आईटी ईटीएफ और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ से निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड और निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स फंड शामिल हैं। मंगलवार को, निप्पॉन एमएफ ने निप्पॉन इंडिया ईटीएफ 5-ईयर गिल्ट फंड की पेशकश की घोषणा की है जो आपको हर समय लिक्विड पांच वर्षीय गिल्ट में निवेश बनाए रखने की अनुमति देती है।
कई नई योजनाओं के बावजूद इस क्षेत्र की परिसंपत्तियों में अच्छी वृद्घि चिंताजनक बनी हुई है। 1,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों के साथ 22 योजनाओं ने पैसिव योजनाओं की कुल 2.54 लाख करोड़ रुपये की एयूएम में 90 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान दिया है। दो योजनाओं - एसबीआई ईटीएफ निफ्टी 50 और एसबीआई ईटीएफ सेंसेक्स - ने कुल पैसिव परिसंपत्ति आधार में 50 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान दिया है।
रिटेल निवेशक और कंपनियों द्वारा पैसिव योजनाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाना अभी बाकी है और ज्यादातर परिसंपत्ति वृद्घि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एवं भविष्य निधि द्वारा समर्थित रही है।
ईपीएफओ ने अगस्त 2015 में शेयर बाजार में प्रवेश किया था। उसने अपने निवेश योग्य जमाओं का 5 प्रतिशत तक हिस्सा निवेश करने का फैसला किया था, लेकिन 2016 में इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत और फिर 2017 में बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक किया गया था।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के निदेशक (निवेश प्रबंधन) धवल कपाडिया ने कहा, 'फंड हाउस अपनी उत्पाद श्रेणी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि आगे चलकर यदि पैसिव क्षेत्र में ब्याज बढ़ता है तो वे इसका लाभ उठा सकें।' उन्होंने कहा, 'हालांकि वितरकों द्वारा जोर दिए जाने का सिलसिला सीमित हो गया है और इन उत्पादों को लेकर जागरूकता सीमित होने से अमीर निवेशकों और कुछ संस्थागत निवेशकों को दूर बनाए रखेगी।'
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