तबादले-नियुक्तिों में भ्रष्टाचार: फडणवीस | सुशील मिश्र / March 23, 2021 | | | | |
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि पुलिस महकमे में तबादले और नियुक्ति में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने कार्रवाई नहीं की और उन्होंने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। उनका दावा है कि खुफिया विभाग ने कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर यह रिपोर्ट दी थी।
फडणवीस ने दावा किया कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा राज्य सरकार से अनुमति लेकर फोन कॉल रिकॉर्ड की गई थीं और इन बातचीत का '6.3 जीबी डेटा' उनके पास है जिनमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी। सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह बहुत संवेदनशील सूचना है, इसलिए वह फिलहाल इसका खुलासा नहीं कर रहे हैं। शुक्ला को पुलिस अधिकारियों के तबादले के संबंध में पता चला था और उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से अनुमति मांगी थी और कई पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की फोन कॉल रिकॉर्ड कीं। जिन अधिकारियों की फोन कॉल रिकॉर्ड की गई थी, उन्हें वे पद मिल गए थे जिसके लिए उन्होंने लॉबिइंग की थी। यह साबित करता है कि शुक्ला द्वारा रिकॉर्ड की गईं फोन कॉल में अहम विवरण है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ राकांपा नेता शरद पवार को यदि अपनी विश्वसनीयता बचानी है तो उन्हें गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा सुनिश्चित करना पड़ेगा।
राकांपा के प्रवक्ता और राज्य में मंत्री नवाब मलिक ने फडणवीस के दावों को खारिज करते हुए इन्हें एमवीए सरकार को गिराने की एक और कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस सरकार को नहीं गिरा पाएगी जैसा उसने मध्यप्रदेश, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों की सरकारों को गिराया है। भाजपा का राज्य नेतृत्व महाराष्ट्र सरकार की छवि खराब करने और उसे गिराने के लिए केंद्र की मदद ले रहा है। फडणवीस के आरोप पर मलिक ने कहा कि उनके पास रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट का विवरण है। उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों के बीच फोन पर बातचीत का उल्लेख किया है जिन्होंने अहम पद हासिल करने के लिए रिश्वत दी थी लेकिन वह नहीं हुआ। पुलिस प्रतिष्ठान बोर्ड की मंजूरी के बिना किसी भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का तबादला नहीं किया गया है। शुक्ला द्वारा यह अवैध तरीके से इक_ा किया गया था और अगर फडणवीस किसी के साथ डेटा साझा करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंनें फडणवीस को डेटा सार्वजनिक करने की चुनौती दी। मलिक ने आरोप लगाया कि शुक्ला भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रही थीं। उन्होंने अवैध तरीके से कॉल रिकॉर्ड की थीं और इसलिए सजा के तौर पर उनका तबादला किया गया था।
महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या में शामिल था। एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने कहा कि हमें वाझे की हिरासत की जरूरत है और हम अदालत से अनुरोध करेंगे। हिरन की हत्या के मामले एटीएस ने दमन से एक वॉल्वो कार सोमवार को जब्त की। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका मालिक कौन है।
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