केंद्र सरकार एक तरफ कोविड-19 टीके की कमी से जूझ रहे राज्यों में इसकी पहुंच तेज करने की योजना बना रही है और दूसरी ओर अगले कुछ हफ्तों में टीका निर्माताओं से खरीद भी बढ़ा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय को अप्रैल में सीरम इंस्टीट्यूट से कोविशील्ड की 6 करोड़ खुराक मिलने की संभावना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने संकेत दिया कि तेजी के साथ टीकाकरण कर रहे महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों के लिए जल्द ही अधिक खुराक भेजनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया, 'हमने महाराष्ट्र को कोविड-19 टीके की 73,43,860 खुराक की आपूर्ति की है, जिनमें से अब तक 49,57,809 खुराक का उपयोग किया गया है। राज्य ने अब तक प्रति दिन 2,00,000 खुराक से अधिक के टीकाकरण को पार नहीं किया है। इस दर पर उनके पास लगभग 11 दिन का भंडार (लगभग 23 लाख खुराक) उपलब्ध है।' अधिकारी कहा कि कोविड-19 टीके की 22,99,020 खुराकें जल्द ही महाराष्ट्र को भेजी जाएंगी। कर्नाटक के लिए, केंद्र अगले दो हफ्तों में कोविड-19 टीके की 12,16,250 खुराक भेज रहा है। राज्य में अभी लगभग 700,000 खुराक, अर्थात करीब तीन दिनों का भंडार है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक को केंद्र से अब तक 37,61,990 खुराक प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 29,57,417 खुराक का उपयोग किया जा चुका है। अधिकारी ने कहा, 'हम सरकारी मेडिकल स्टोर डिपो (जीएमएसडी) से कर्नाटक को कुछ और खुराक की आपूर्ति करने की व्यवस्था कर रहे हैं क्योंकि उनके टीकाकरण की गति अधिक है।' टीका निर्माताओं से भारत सरकार के लिए टीका डिलिवरी को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें अप्रैल में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से कोविशील्ड की 6 करोड़ खुराक हासिल होने की उम्मीद है। व्यावहारिक तौर पर यह मात्रा, एसआईआई की पुणे स्थित इकाई का संपूर्ण मासिक उत्पादन होगा। कंपनी को हाल ही में 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया गया है। इसने केंद्र को पहले ही लगभग 6.5 करोड़ खुराक की आपूर्ति की है, जिसमें से लगभग एक करोड़ खुराक, गावी गठबंधन के तहत हासिल हुई है और बिल्कुल मुफ्त है। अधिकारी ने बताया, 'निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है लेकिन कंपनियों को केंद्र सरकार को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है क्योंकि मांग बढ़ रही है। भारत बायोटेक ने अब तक कुल खरीदे गए टीकों के 10 प्रतिशत टीकों की आपूर्ति की है।' भारत बायोटेक अभी तक लगभग एक करोड़ खुराक प्रति माह की दर से टीके बना रही थी लेकिन मार्च के मध्य से कंपनी ने अपनी क्षमता बढ़ाकर 4 करोड़ खुराक प्रति माह कर ली है। एसआईआई भी अप्रैल-जून तिमाही में लगभग 40 प्रतिशत की क्षमता का विस्तार करने के करीब है। देश में कुछ जिले टीकों की आपूर्ति में कमी का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने तेजी के साथ टीकाकरण किया है। उदाहरण के लिए, मुंबई के पास केवल पांच दिन के टीके शेष हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की राय है कि राज्यों को जिलों के बीच कुशलता से टीके आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया, 'कुछ जिले ऐसे हैं जो दूसरों की तुलना में बेहतर कर रहे हैं। कुछ आस-पास के जिलों में स्टॉक पड़ा हो सकता है जो जरूरत पडऩे पर फिर से आवंटित किया जा सकता है। लेकिन, यह निर्णय राज्यों पर निर्भर करता है।' एक राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जिलों के बीच टीकों को फिर से आवंटित करना तार्किक रूप से चुनौतीपूर्ण है और वे केंद्र से अधिक आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसके अलावा राज्यों को लगता है कि टीका निर्माताओं को अलग-अलग ऑर्डर दिए गए हैं, जिससे आपूर्ति की समस्या हो रही है। महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'बड़ी मात्रा में खरीद ऑर्डर से आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। टीका निर्माताओं की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं भी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय से अधिक स्पष्टता के साथ, वे अपने उत्पादन की बेहतर योजना तैयार कर सकते हैं।' टीकाकरण अभियान तेज करें राज्य: केंद्र देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि आरटी-पीसीआर जांच, जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करने और सभी प्राथमिकता समूहों के टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। गृह मंत्रालय ने अप्रैल के लिए नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 के मामलों में फिर से तेजी के मद्देनजर नए संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द पृथक करने और समय पर उपचार करने की जरूरत है। दिशानिर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश के सभी हिस्से में जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए, हर किसी द्वारा कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और सभी लक्षित समूहों को 'कवर' करने के लिए टीकाकरण बढ़ाना चाहिए। इसने कहा कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का जल्द से जल्द पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें पृथक करना चाहिए। गृह मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के आधार पर जिले के अधिकारियों द्वारा निरुद्ध क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक चिह्नांकन करना चाहिए। इसने कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आरटी-पीसीआर की जांच दर कम है, वहां कुल जांच का 70 फीसदी तक पहुंचने के लिए उसे तेजी से जांच दर बढ़ानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इसने कहा कि टीकाकरण अभियान जहां सुचारु चल रहा है वहीं टीकाकरण की प्रक्रिया विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समरूप नहीं है और कुछ राज्यों में टीकाकरण की धीमी गति 'चिंता का कारण' है। दिशानिर्देश में कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य में संचरण की कड़ी को तोडऩे के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण महत्त्वपूर्ण है। भाषा
