आईपीओ की रकम में भारत का हिस्सा काफी कम | सचिन मामबटा और समीर मुलगांवकर / मुंबई March 22, 2021 | | | | |
वैश्विक कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में आम जनता के बीच शेयर बेचकर भारतीय फर्मों के मुकाबले काफी अधिक पैसा जुटाया है। यह प्रवृत्ति इस वर्ष भी जारी है और बाकी दुनिया के सापेक्ष आईपीओ के मामले में भारत की हिस्सेदारी में लगातार गिरावट आ रही है।
ब्लूमबर्ग डेटा के बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2017-18 में यह हिस्सेदारी 6.06 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 0.98 फीसदी रह गई।
केआर चोकसी इन्वेसमेंट मैनेजर्स के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसीने कहा कि यह गिरावट आर्थिक विकास में गिरावट के बीच कारोबारी विश्वास की कमी को दर्शाती है। उन्होंने कहा, 'ज्यादातर कंपनियां पैसा नहीं जुटाना चाह रही थीं क्योंकि वे विस्तार नहीं कर रही थीं। अब यह बदल गया है और अब भावनाएं अनुकूल दिख रही हैं।'
प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया कहते हैं कि पिछले एक साल में वैश्विक स्तर पर जुटाई गई रकम की रफ्तार मजबूत रही है, और प्रौद्योगिकी क्षेत्र काफी आगे रहा है लेकिन भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वित्तीय पेशकश अनुपस्थित रही है। उन्होंने कहा, 'यहां तक कि जो कंपनियां निकट भविष्य में अपने आईपीओ को लॉन्च करने पर विचार कर रही हैं, वे भी विदेश में कहीं सूचीबद्ध होने के विकल्प तलाश रही हैं। नियामक इस पर विचार कर रहा है और उन्हें भारत में सूचीबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीके तलाश रहा है।'
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक चर्चा पत्र के साथ भारतीय स्टार्टअप को स्थानीय स्तर पर सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाया। परामर्श पत्र में ऐसी कंपनियों की सूचीबद्धता के लिए प्रतिबंधात्मक धाराओं के रूप में देखी गई चीजों को हटाने की मांग की है। इसमें बदलाव का सुझाव दिया गया है, जिसमें सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक द्वारा नियोजित संरचना के समान कुछ प्रवर्तकों या शेयरधारकों को दूसरों की तुलना में अधिक वोटिंग अधिकार देने की अनुमति देना शामिल है।
दिसंबर तिमाही के लिए कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा 'ग्लोबल आईपीओ ट्रेंड्स' नामक एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कैसे आईपीओ बाजार में तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां हावी हो रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तिमाही में तकनीकी क्षेत्र की कुल जुटाई गई रकम में 23 फीसदी हिस्सेदारी रही तथा कुल वित्तीय राशि का 35 फीसदी जुटाया।
गेमिंग प्लेटफॉर्म नजारा टेक्नोलॉजिज के साथ भारत में बाजार में आने वाली समान प्रौद्योगिकी कंपनियों की संख्या सीमित हो गई है। नजारा टेक्नोलॉजिज का आईपीओ मार्च में खुला था, जो इसका एक अपवाद कहा जा सकता है।
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