यूपीएल: चिंताएं घटने, बुनियादी आधार सुधरने से ताकत | |
राम प्रसाद साहू / मुंबई 03 21, 2021 | | | | |
पिछले साल नवंबर में भारी गिरावट के बाद भारत की सबसे बड़ी कृषि रसायन कंपनी के शेयर में बड़ा सुधार देखने को मिला। यूपीएल का शेयर नवंबर के शुरू से 56 प्रतिशत तक चढ़ चुका है। कंपनी द्वारा कॉरपोरेट प्रशासन और बहीखाते पर ऊंचे ऋण से संबंधित निवेशकों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है जिससे निवेशक धारणा में सुधार देखा गया है। केपीएमजी मॉरिशस द्वारा यूपीएल कॉरपोरेशन के ऑडिटर के तौर पर हटने के बाद पिछले साल अक्टूबर और दिसंबर के बीच इस शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई थी।
विभिन्न समस्याओं पर प्रबंधन के स्पष्टीकरण से भी बुनियादी आधार में सुधार लाने में मदद मिली थी। पिछले तीन महीनों के दौरान मुख्य फसलों की वैश्विक कीमतों में तेज वृद्घि हुई थी जिससे कृषि रसायन बाजार को मदद मिली। सोयाबीन, मक्का, कपास और गेहूं की कीमतें एक साल पहले के स्तरों के मुकाबले 27-70 प्रतिशत तक चढ़ी हैं। एडलवाइस रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है, 'फसल कीमतों में इस तरह की तेजी किसानों की उपज के लिए मजबूत नकदी प्रवाह की वजह से भी आई है जिसका यूपीएल जैसी कंपनियों को लाभ मिल रहा है।'
दिसंबर तिमाही में कमजोरी के बाद लैटिन अमेरिकी बाजार में मांग सुधरने से भी कंपनी की बिक्री को ताकत मिली। कुल बिक्री का 34 प्रतिशत हिस्सा लैटिन अमेरिका से जुड़ा है और यह यूपीएल के लिए एकमात्र सबसे बड़ा क्षेत्र है।
ऊंची फसल कीमतों के अलावा, स्काइमेट द्वारा सामान्य मॉनसून का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू बाजार में परिदृश्य सुधरेगा। कृषि आय सुधरने से रबी सीजन में पैदावार बढ़ाने, सरकारी एजेंसियों से ऊंचे उठास, और अच्छे जलाशय स्तरों से घरेलू कृषि उपज सेगमेंट के लिए स्थिति सकारात्मक हुई है।
कंपनी के राजस्व को कई रणीतिक भागीदारियों से मदद मिलने की संभावना है जिनमें कंपनी द्वारा भारत में कीटनाशक रिनेक्सीपिर के निर्माण एवं आपूर्ति के लिए एफएमसी कॉरपोरेशन के साथ भागीदारी मुख्य रूप से शामिल है। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि भारत में एफएमसी के लिए रिनेक्सीपिर के कुल निर्माण एवं आपूर्ति से यूपीएल को 700-800 करोड़ रुपरये के दीर्घावधि अवसरों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। मजबूत आधार व्यवसाय के अलावा, नवाचार और शोध एवं विकास पर कंपनी के फोकस से नई पेशकशों की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिल रही है। कंपनी के लिए नवाचार दर का नए उत्पादों से राजस्व योगदान बढ़ा है और यह वित्त वर्ष 2014 में कुली बिक्री के 2.5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 20 प्रतिशत पर पहुंच गई।
ऑफ-पेटेंट उत्पादों की बढ़ रही भागीदारी, सभी सेगमेंओं में उसके उत्पाद पोर्टफोलियो, और भौगोलिक उपस्थिति से कंपनी को अपना राजस्व अगले तीन साल के दौरान 9-10 प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी। विश्लेषकों का मानना है कि पूरी वैल्यू चेन के संदर्भ में कंपनी की उपस्थिति, मूल्य निर्धारण ताकत, एरिस्टा के साथ तालमेल से अगले दो साल में परिचालन मुनाफा मार्जिन 130-180 आधार अंक तक बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के प्रबाल सेन का मानना है कि बढ़ते राजस्व और ऊंचे परिचालन लाभ के समावेश से कर्ज घटाने में मदद मिली है और इसलिए ब्याज लागत तथा अज्ञय आय में भी बेहतर नकदी प्रवाह से मजबूती आई है।
दिसंबर तिमाही के अंत में कंपनी का सकल ऋण 27,837 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया, जो अब 3,980 करोड़ रुपये तक घट गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में कर्ज में 5,070 करोड़़ रुपये तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। मार्च तिमाही में नकदी में सुधार की मदद से कर्ज कटौती और कम कर्ज अनुपात इस शेयर के लिए मुख्य कारक होंगे। जहां कंपनी के लिए परिदृश्य शानदार है, वहीं शेयर कीमतों में तेजी मौजूदा स्तरों से सीमित दिख रही है। निवेशक गिरावट पर इस शेयर को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।
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