क्रिप्टो एक्सचेंज के आईपी होंगे ब्लॉक! | राजेश भयानी / मुंबई March 21, 2021 | | | | |
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी में कारोबारी सेवाएं मुहैया करा रहीं कंपनियों या एक्सचेंजों के आईपी एड्रेस ब्लॉक करने के तरीकों के बारे में विचार कर रही है। एक विश्वसनीय सूत्र ने यह जानकारी दी है।
यह कदम सभी निजी क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाने की मुहिम का हिस्सा है। सरकार ने दो महीने पहले कहा था कि वह सभी निजी क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाने के लिए एक विधेयक लाना चाहती है और चीन एवं अन्य देशों की तर्ज पर अपनी डिजिटल करेंसी पेश करना चाहती है। इसने ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों को अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का भी प्रस्ताव रखा था।
हालांकि अभी तक उद्योग यह तर्क दे रहा है कि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी विकेंद्रित क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाना मुमकिन नहीं है। लेकिन सरकार ने उन पर रोक लगाने का कम से कम एक तरीका खोज लिया है और वह उन एक्सचेंजों को ब्लॉक करना है, जो ऐसी करेंसी में लेनदेन या निवेेश की सुविधा मुहैया कराते हैं। ये एक्सचेंज इंटरनेट आधारित हैं और मोबाइल ऐप्स के जरिये कारोबार की मंजूरी देते हैं।
सूत्रों ने कहा कि अगर इन एक्सचेंजों के आईपी एड्रेस को ब्लॉक किया गया तो उन तक नहीं पहुंचा जा सकेगा। इस प्रस्ताव को तीन से छह महीने की अवधि में लागू करने के आसार हैं ताकि क्रिप्टो करेंसी में पॉजिशन या निवेश को निकालने का समय दिया जा सके। इससे मौजूदा निवेशकों को बिना हड़बड़ी के इससे निकलने का मौका मिलेगा।
सरकार ने भारत में परिचालित पॉर्न साइट और चीन के सैकड़ों ऐप को ब्लॉक कर दिया है। निजी क्रिप्टो करेंसी के लिए भी इसी तरीके को अपनाने के बारे में विचार किया जा रहा है।
हालांकि उद्योग के पेशेवरों का कहना है, 'ऐसा करके सरकार क्रिप्टो में कारोबार या निवेश की सुविधा दे रहे प्लेटफॉर्मों के ज्ञात स्रोतों को ब्लॉक कर सकती है। फिर भी ये कदम पूरी तरह रोक में सफल नहीं रहेंगे।'वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सेवाएं देने के लिए लोकप्रिय हैं, जिन तक अन्यथा नहीं पहुंचा जा सकता है। ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जो अवैध ऑनलाइन सट्टा बाजारों को बढ़ावा दे रहे हैं और अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई सफल नहीं रही है।
उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कहा, 'वीपीएन, पीर टू पीर ट्रेडिंग, क्रिप्टो खरीदने या बेचने के लिए नकदी का इस्तेमाल, क्रिप्टो को भंडारित या हस्तांतरित करने के लिए भारत के बाहर के वॉलेट का इस्तेमाल, लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत निवेश के लिए विदेश में ढाई लाख डॉलर भेजने की स्वीकृत सीमा के कुछ हिस्से का क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में इस्तेमाल जैसे बहुत से तरीकों में खामियां हैं।'
एक्सचेंजों ने विकेंद्रित करेंसी पर रोक लगाने के खिलाफ इन ठोस कारणों के मद्देनजर सरकार से क्षेत्र को नियमित करने का आग्रह किया है। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर रश्मि देशपांडे ने कहा, 'क्रिप्टो परिसंपत्तियों के नियमन से न केवल असल कारोबार को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए नियंत्रण एवं संतुलन भी सुनिश्चित होगा।' देशपांडे कई बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों की सलाहकार भी हैं।
देशपांडे ने कहा कि नियमनों से सरकार को एक स्पष्ट कर नीति रखने में मदद मिलेगी। उसे उन लोगों के बारे में सभी सूचनाएं मिलेंगी, जो कारोबार या निवेश आदि करते हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि एक्सचेंजों के प्रतिनिधि कई बैठकों में सरकार से मिले हैं ताकि क्रिप्टो करेंसी कारोबार की जटिलता को ध्यान में रखते हुए भागीदारों के साथ प्रस्तावित नियमनों पर चर्चा की जा सके। इससे सभी संदेहों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे सरकार भी इस क्षेत्र का नियमन कर सकेगी और इस उद्योग की वृद्धि भी प्रभावित नहीं होगी। क्रिप्टो करेंसी के नियमन से उन वैश्विक उद्यमियों को भरोसा मिलेगा, जो ब्लॉकचेन तकनीक विकसित कर रहे हैं और भारत को निवेश या क्रिप्टो उद्योग से इतर अन्य चीजों में ब्लॉकचेन को इस्तेमाल की संभावित जगह के रूप में देखते हैं। उदाहरण के लिए वित्तीय क्षेत्र में ब्लॉकचेन के इस्तेमाल की भारी संभावनाएं हैं।
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