एनएसई को-लोकेशन मामला: ईडी जांच अगले महीने पूरी होने के आसार | |
श्रीमी चौधरी / मुंबई 03 20, 2021 | | | | |
सरकार द्वारा हाल में ईडी से विस्तृत रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन (को-लो) मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। यह रिपोर्ट अगले एक महीने के अंदर सौंपे जाने की संभावना है।
यह बदलाव ऐसे समय में सामने आया है जब वित्त मंत्रालय एक्सचेंज की ताजा ट्रेडिंग खामियों पर नजर रख रहा है। इन खामियों से कई बाजार कारोबारियों का हित प्रभावित हुआ था। ईडी को को-लो मामले से कई अन्य समस्याएं भी जुड़ी होने की आशंका है।
हाल में को-लोकेशन मामले में कई घटनाक्रम देखने को मिले हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में जांच शुरुआती चरण में है और इसके एक महीने में पूरी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह जांचें सिर्फ को-लोकेशन मामले तक सीमित नहीं हैं बल्कि विभिन्न पहलू भी इससे जुड़े हुए हैं क्योंकि संदेह है कि रकम अवैध तरीके से कमाई गई और देश से बाहर भेजी गई थी।
उनक अनुसार, कई प्रमाणों में एक्सचेंज के पिछले प्रबंधन एवं ब्रोकरों के रिकॉर्ड भी शामिल हैं। उनका कहना है कि कुछ और जानकारी जल्द ही सामने लाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि ईडी ने बाजार नियामक सेबी से इस संबंध में कुछ जानकारी तथा आयकर विभाग से रिपोर्ट मांगी है। एक कर अधिकारी ने कहा, 'हम इस मामले में एजेंसी को अंतरिम रिपोर्ट पहले ही साझा कर चुके हैं।'
ईडी ने जनवरी 2019 में अपनी प्रवर्तन जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद सीबीआई ने 30 मई 2018 को एफआईआई दर्ज की थी। ईडी ने ओपीजी सिक्योरिटीज के प्रवर्तक संजय गुप्ता, उनके साले अमन ककराडी, अजय शाह के खिलाफ जांच रिपोर्ट दर्ज की थी। अजय शाह ने सॉफ्टवेयर विकसित कर और मुहैया कराकर गुप्ता के परिचालन को आसान बनाया था। सेबी ने फरवरी में को-लो मामले में एनएसई के पूर्व प्रमुखों रवि नारायन और चित्रा रामकृष्णा के खिलाफ धोखाधड़ी और अनुचित कार्य प्रणालियों का आरोप लगाया था। ये आरोप सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्टस स्टॉक एक्सचेंज ऐंड क्लियरिंग कॉरपोरेशंस (एसईसीसी) रेग्युलेशंस के उल्लंघन से संबंधित थे।
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