संशोधित बजट अनुमान से ज्यादा प्रत्यक्ष कर संग्रह | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली March 17, 2021 | | | | |
वित्तीय दबाव का सामना कर रही केंद्र सरकार को प्रत्यक्ष कर संग्रह के बढ़े हुए आंकड़ों से बड़ी राहत मिली है। 2020-21 में अग्रिम कर संग्रह बढऩे से चार साल में पहली बार प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित बजट लक्ष्य से ज्यादा रहा है। वित्त वर्ष 2021 के लिए सोमवार तक जमा अग्रिम कर की अंतिम किस्त का संग्रह पिछले की तुलना में करीब 7 फीसदी ज्यादा रहा है।
16 मार्च तक शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.18 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 9.05 लाख करोड़ रुपये के संशोधित बजट अनुमान से ज्यादा है। मगर पिछले साल के 9.56 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह करीब 4 फीसदी कम है। बेंगलूरु, मुंबई और जयपुर सर्कल में प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ा है। बेंगलूरु में कर संग्रह में 10 फीसदी, मुंबई में 3.5 फीसदी और जयपुर में 2.2 फीसदी इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष खत्म होने में अभी 15 दिन बाकी है और संग्रह बढऩे के कारण सरकार के पास इस दौरान खर्च करने के लिए अतिरिक्त रकम होगी।
चार साल में यह पहला मौका है जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने संशोधित बजट लक्ष्य से ज्यादा कर जुटाया है। इससे पहले 2016-17 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.49 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो संशोधित अनुमान से ज्यादा था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित लक्ष्य वास्तविकता के करीब था। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई और अग्रिम कर संग्रह के आंकड़े भी अच्छे रहे। अगर कर संग्रह ज्यादा नहीं होता तो भी हम पिछले साल जितना कर जुटा लेते।'
अर्थव्यवस्था पर महामारी का असर देखते हुए पिछले महीने पेश बजट में वित्त वर्ष 2021 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य पहले के 13.19 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से काफी कम कर दिया गया था। 15 मार्च तक शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 4 फीसदी कम रहा, जो जनवरी में 9 फीसदी कम था। 2019-20 में आयकर विभाग संशोधित अनुमान से करीब 70,000 करोड़ रुपये कम कर जुटा पाया था।सरकारी अधिकारी द्वारा साझा किए गए अंतरिम आंकड़ों में 2020-21 में अग्रिम कर संग्रह करीब 4.7 लाख करोड़ रुपये रहा। 11 प्रमुख क्षेत्रों में से सात में अग्रिम कर संग्रह बढ़ा है, जिनमें मुंबई में सबसे ज्यादा 17 फीसदी वृद्घि हुई है। लेकिन पिछले साल की तुलना में दिल्ली में 1 फीसदी, बेंगलूरु में 6 फीसदी और चेन्नई में 7 फीसदी कम अग्रिम कर संग्रह हुआ। पिछले साल की तुलना में रिफंड 13 फीसदी बढऩे से सकल संग्रह 1 फीसदी कम रहा।
मंगलवार तक सकल संग्रह 11.20 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल 11.34 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान 2.02 लाख करोड़ रुपये रिफंड किए गए, जबकि पिछले साल 1.78 लाख करोड़ रुपये रिफंड किए गए थे। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विवाद से विश्वास तक योजना से भी कर संग्रह बढ़ाने में मदद मिली। विवाद से विश्वास के जरिये इस साल 54,346 करोड़ रुपये कर जुटा। अग्रिम कर का भुगतान आय का अनुमान लगाकर किया जाता है और इसके लिए वित्त वर्ष खत्म होने का इंतजार नहीं किया जाता है। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिति का भी संकेत मिलता है।
|