तकरीबन 6 जीवन बीमा कंपनियां अप्रैल से अपने टर्म प्लान के दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। लेकिन घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अपने टर्म प्लान के प्रीमियम (दाम) नहीं बढ़ाएंगी। एक सूत्र ने कहा कि एलआईसी ने पिछले साल भी अपने टर्म प्लान की दरों में इजाफा नहीं किया था और मौजूदा प्लान की दरों में भी इजाफा नहीं करने जा रही है। एलआईसी के प्लान 'जीवन अमर' और 'टेक टर्म' की दरें काफी प्रतिस्पर्धी हैं और लोगों की इसे अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली है। सूत्र ने कहा कि निजी जीवन बीमा कंपनियों की तरह एलआईसी को पुनर्बीमाकर्ताओं से दरें बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और केनरा एचएसबीसी ओबीसी लाइफ इंश्योरेंस जैसी कंपनियां टर्म प्लान को महंगा करने की तैयारी कर रही हैं। कोविड के कारण जीवन बीमाकर्ताओं का दावा भुगतान बढ़ गया है। महामारी के कारण अनिश्चितता बढऩे से पुनर्बीमाकर्ता भी अपनी दरें बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही लंबे समय से टर्म प्लान की दरें काफी कम हैं, इसलिए इसे बढ़ाना भी आवश्यक हो गया है। कुछेक जीवन बीमा कंपनियां पुनर्बीमाकर्ताओं द्वारा टर्म पोर्टफोलियो की दरें बढ़ाने की वजह से टर्म प्लान के दाम बढ़ा रही हैं लेकिन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे इन उत्पादों की मांग पर असर नहीं पड़ेगा। उनका मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद टर्म प्लान को लेकर जागरूकता बढ़ी है और इसकी मांग में कई गुना इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि दाम बढऩे के बावजूद टर्म प्लान भारत में अमेरिका या सिंगापुर की तुलना में सस्ते हैं। पिछले वर्ष कई जीवन बीमा कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम महंगा कर दिया था। आईसीआईसीआई पू्रडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और कुछ अन्य कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ा दिए थे। बीमा कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस 20-30 प्रतिशत तक महंगा कर दिया था। बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक साक्षात्कार में एचडीएफसी लाइफ की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी विभा पडालकर ने कहा था, 'हमने बदलती परिस्थितियों और पुनर्बीमा प्रीमियम में संशोधन को देखते हुए अपनी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियां महंगी कर दी थी। एचडीएफसी लाइफ क्लिक 2 प्रोटेक्ट लाइफ के प्रीमियम पर भी इसका असर हुआ था।' विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले वर्ष प्रीमियम महंगा होने के बाद टर्म प्लान दोबारा 2014 के स्तरों तक पहुंच गए है। प्रीमियम एक बार फिर बढऩे से पॉलिसियां 2010 की तरह ही महंगी हो जाएंगी जब देश में टर्म प्लान की शुरुआत हुई थी।
