भैंस के दूध से बनने वाला इटली का मॉत्सरेला चीज बेशक पूरी दुनिया में मशहूर है मगर जल्द ही भारत इस मामले में उसे टक्कर दे सकता है। सबसे बड़ी देसी दुग्ध सहकारी संस्था अमूल ने इस बारे में सरकार के सामने एक योजना पेश की है। योजना में देश को भैंस के दूध से बनने वाले मॉत्सरेला चीज के निर्यात का वैश्विक अड्डा बनाने का खाका दिया गया है। यह चीज दुनिया भर में काफी महंगा बिकता है और इसकी बहुत मांग भी है। सरकार ने उत्पादन के साथ जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) की 10,900 करोड़ रुपये की जो योजना तैयार की है, उसमें विभिन्न उत्पादों के साथ मॉत्सरेला चीज का उत्पादन बढ़ाना भी शामिल है। सरकार प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाना और भारतीय ब्रांडों को दुनिया भर में चमकाना चाहती है। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (अमूल) के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी कहते हैं, 'देश में कुल दूध उत्पादन में 58 फीसदी तक हिस्सेदारी भैंस के दूध की है और भारत दुनिया में भैंस के दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। हम इसका भरपूर फायदा उठाने के लिए भैंस के दूध से बना मॉत्सरेला चीज बना सकते हैं और उसका निर्यात कर सकते हैं।' सोढ़ी मानते हैं कि भैंस के दूध से तैयार मॉत्सरेला चीज के निर्यात में भारत दुनिया के तमाम देशों से आगे निकल सकता है। वह कहते हैं, 'दुनिया भर में भैंस के दूध से तैयार मॉत्सरेला चीज की भारी मांग है, लेकिन आपूर्ति बहुत कम है। इटली में इस किस्म का थोड़ा-बहुत चीज बनता है मगर मांग अधिक होने के कारण बहुत महंगा बिकता है। ऐसे में हमारे पास दुनिया को देने के लिए एक अनोखा उत्पाद है।' अमूल अपनी योजना को हकीकत में बदलने के लिए अगले पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये सालाना निवेश कर सकती है। सोढ़ी बताते हैं कि चीज का सालाना वैश्विक बाजार करीब 65 अरब डॉलर का है, जिसमें से 8 अरब डॉलर का बाजार केवल भैंस के दूधे से तैयार मॉत्सरेला चीज का ही है। इस समय दुनिया में ज्यादातर मॉत्सरेला चीज गाय के दूध से बनाया जाता है और फास्ट फू ड तथा पीत्सा आदि में इस्तेमाल के कारण इसकी मांग बढ़ती जा रही है। अनुमान है कि इटली भैंस के दूध से करीब 33,000 टन मॉत्सरेला चीज बनाती है और ज्यादातर उत्पादन नेपल्स के आसपास के पहाड़ों में होता है। इससे करीब 30 करोड़ डॉलर कमाई होती है और करीब 16 फीसदी चीज फ्रांस, जर्मनी, जापान तथा रूस जाता है। इसमें कोई शक नहीं कि गाय के मुकाबले भैंस के दूध से तैयार चीज को कई मामलों में बेहतर माना जाता है। यह सफेद रंग का होता है और अधिक स्वादिष्ट, क्रीमी एवं मुलायम होता है। इसमें प्रोटीन और कैल्शियम भी अधिक होता है। भारत में प्रसंस्कृत चीज का करीब 2,500 करोड़ रुपये का सालाना बाजार है और अमूल इसकी सबसे बड़ी कंपनी है। इसमें मॉत्सरेला चीज का बाजार करीब 800 करोड़ रुपये का है। सोढ़ी ने कहा कि अमूल के दो संयंत्रों में विभिन्न किस्म का चीज बनता है और अब वह अपनी क्षमता दोगुनी करना चाहती है। कंपनी जल्द ही भैंस के दूध से मॉत्सरेला चीज का उत्पादन शुरू कर देगी। सोढ़ी ने कहा कि उनकी कंपनी ने भैंस के दूध से बड़े पैमाने पर प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने की योजना तैयार की है। हालांकि कंपनी भैंस का दूध पहले से ही बेच रही है और जल्द ही इसके दूध से बने पनीर और घी भी बाजार में उतारना चाहती है। सरकार खाद्य प्रसंस्करण योजना के लिए पीएलआई योजना के तहत मॉत्सरेला चीज उत्पादन पर 4-6 प्रतिशत प्रोत्साहन की पेशकश कर रही है।
