एनबीएफसी का सूक्ष्म ऋण बढ़ा | अभिजित लेले / मुंबई March 10, 2021 | | | | |
वित्त कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले सूक्ष्म ऋण में दिसंबर 2020 में इजाफा हुआ है। सकल ऋणों में से 30 दिन से अधिक की अवधि वाले ऋण की हिस्सेदारी बढ़कर 10.9 फीसदी हो गई जो एक वर्ष पहले 2.42 फीसदी रही थी। एमएफआईएन के आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसा मुख्य तौर पर कोविड महामारी के दबाव के कारण हुआ है।
माइक्रोफाइनैंस इंस्टीट्यूशन नेटवर्क (एमएफआईएन) के मुताबिक सितंबर 2020 में 30 दिनों से अधिक का ऋण 2.51 फीसदी पर था।
उद्योग के कार्यकारियों ने कहा कि पुनर्भुगतान पर ऋणस्थगन (मार्च से अगस्त 2020) के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणों के पुनर्गठन की अनुमति दी और तब वित्त कंपनियों ने बकाये की गणना नहीं की थी। उसकी साफ तस्वीर अब नजर आ रही है। अर्थव्यवस्था में मजबूती आने से परस्थिति में सुधार हो रहा है।
महामारी के कारण आर्थिक संकट खड़ा होना से वास्तव में लोगों को पुनर्भुगतान में मुश्किल हो रही है। पुराने ऋणों के साथ यह समस्या अधिक है। अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोगों ने इस उम्मीद में पुनर्भुगतान रोक दिया है कि दोबारा से इसमें सहायता मिल सकती है। पुनर्भुगतान रुकने से आर्थिक अनुशासन पर असर पड़ रहा है। एक ओर जहां महामारी का असर बरकरार है वहीं वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से ऋण में आई तेजी भी कायम है। एमएफआईएन के मुख्य कायाधिकारी और निदेशक आलोक मिश्रा ने कहा दूसरी तिमाही में नए ऋण में आई तेजी सच साबित हुई और विभिन्न क्षेत्रों को किया जाने वाला ऋण आवंटन कोविड से पूर्व के स्तर पर पहुंच रहा है।
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