ईंधन में तेजी से ओएमसी की चमक पड़ेगी फीकी! | |
निकिता वशिष्ठ / नई दिल्ली 03 09, 2021 | | | | |
कच्चे तेल की कीमतें दिन के कारोबार में 70 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े के पार जाने के बावजूद एसऐंडपी बीएसई तेल एवं गैस सूचकांक (1.7 प्रतिशत की तेजी) ने सोमवार को बीएसई के सेंसेक्स (0.07 प्रतिशत की वृद्घि) को मात दी।
30 अक्टूबर 2020 के 36.9 डॉलर के निचले स्तर से ब्रेंट में 92 प्रतिशत तक की तेजी आई है और विश्लेषकों को इसमें और तेजी की उम्मीद है। अल्पावधि के दौरान विश्लेषकों को ब्रेंट कीमतें 80 डॉलर पर पहुंच जाने की संभावना है क्योंकि ओपेक देशों ने उत्पादन घटाया है और दुनियाभर में अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के बीच ईंधन मांग में सुधार आया है।
ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज में वरिष्ठ टेक्नीकल एनालिस्ट (कमोडिटीज) भाविक पटेल का कहना है, 'अल्पावधि में, कीमतों में तेजी के बावजूद चार्टों पर कोई विपरीत पैटर्न नहीं दिखा है और इसलिए कीमतें ऊंची बनी रहने की संभावना है।' कुछ विदेशी ब्रोकरों को ब्रेंट कीमतें जून तिमाही में 75 डॉलर और सितंबर तिमाही में 80 डॉलर के औसत पर रहने की संभावना है। कैपिटलविया ग्लोबल रिसर्च में जिंस एवं मुद्रा मामलों के मुख्य विश्लेषक क्षितिज पुरोहित को अल्पावधि से मध्यावधि में ब्रेंट कीमतें 77-80 डॉलर के दायरे में रहने और एमसीएक्स पर कच्चा तेल 5,000 रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है, जो सोमवार को 4,849 रुपये पर रहा।
जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों ने 5 मार्च की रिपोर्ट में कहा था कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों को देखते हुए तेल खोज कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के लिए इसकी बिक्री से प्राप्ति में सुधार दिखने की संभावना है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमत में प्रत्येक 1 डॉलर प्रति बैरल की वृद्घि से उनके शेयर मूल्यांकन में 2-3 प्रतिशत की तेजी को बढ़ावा मिल सकता है। ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयर सोमवार को 3-3 प्रतिशत चढ़कर बीएसई पर 118.30 रुपये और 130.95 रुपये पर बंद हुए।
ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को 130 रुपये और 145 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ खरीदारी रेटिंग दी है।
ओएमसी के लिए कमजोर राह
सैद्घांतिक तौर पर, कच्चे तेल की कीमत में वृद्घि से विपणन मार्जिन प्रभावित होता है। यह मार्जिन लागत कीमत और उस दर के बीच अंतर होता है जिस पर वे अपने रिटेलरों को इसकी बिक्री करती हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि विपणन मार्जिन की लगातार मजबूती और पेट्रोलियत उत्पादों के लिए सुधरती मांग से अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की तीन ओएमसी के मुनाफे को मदद मिली है, और उनकी शेयर कीमतें मौजूदा परिवेश में सुधरी हैं। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल), और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल) के शेयरों में सोमवार को 2 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में, ओएमसी ने पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की। इसके अलावा, घरेलू परिवहन ईंधन की मांग सुधरकर सामान्य स्तरों पर आने के अलावा, वाहन ईंधन पर विपणन मार्जिन महामारी से पूर्व के स्तर पर लौटने से भी उनके प्रदर्शन को मदद मिली।
विश्लेषकों का मानना है कि ओएमसी को या तो ईंधन कीमतें बढ़ाकर अपना सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) सुधारने की जरूरत होगी, जो उनके लिए अगले दो महीनों में पांच राज्य चुनावों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण होगा। या फिर सरकार को इसके लिए उत्पाद शुल्कों में कटौती करने की जरूरत होगी।
आईडीबीआई कैपिटल में शोध विश्लेषक सुदीप आनंद का कहना है कि अब तक ओएमसी ने कच्चा तेल बढऩे पर कीमतें बढ़ाई हैं, जिससे कि उनका सकल मार्जिन 3 और 4 रुपये प्रति लीटर के बीच बना रहे।
कई विश्लेषक निवेशकों को ईंधन कीमत वृद्घि या उत्पाद शुल्क कटौती पर स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार करने का सुझाव दे रहे हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने नए निवेशकों को फिलहाल इन शेयरों से दूर बने रहने का सुझाव दिया है।
|