पीएमसी बोलीदाताओं को लगानी होगी ज्यादा पूंजी | रघु मोहन / नई दिल्ली March 08, 2021 | | | | |
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी बैंक) के लिए बोली लगाने वालों को उसमें करीब 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करना पड़ सकता है। इससे जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम की गारंटी के मुताबिक बैंक के हरेक जमाकर्ता को 5-5 लाख रुपये से अधिक मिल सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिवालिया बैंक के लिए समाधान तलाशने की समयसीमा खत्म होने से 15 दिन पहले 19 मार्च को मुंबई में निदेशक मंडल की बैठक बुलाई है।
पीएमसी बैंक से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय बैंक बोलीदाता से ज्यादा पूंजी निवेश चाहता है ताकि जमाकर्ताओं को 5-5 लाख रुपये से ज्यादा मिल सकें। बैंक के नए मालिक को लघु वित्त बैंक का लाइसेंस भी मिलेगा, इसलिए उसे गंभीर और पर्याप्त पूंजी वाला होना चाहिए। नए लघु वित्त बैंक के लिए न्यूनतम पूंजी आवश्यकता 300 करोड़ रुपये है लेकिन पीएमसी के बोलीदाता को ज्यादा पूंजी लानी होगी क्योंकि पीएमसी बैंक के बहीखाते पर कोविड-19 के प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाएगा। पीएमसी बैंक को शहरी सहकारी बैंक से लघु वित्त बैंक में तब्दील किया जाएगा।
बोर्ड पीएमसी बैंक के सौदे की रूपरेखा तय कर रहा है और आरबीआई नए प्रबंधन को निवेश सीमा में कुछ राहत दे सकता है। इसके अलावा जमाकर्ताओं को ब्याज भुगतान के साथ लॉक-इन अवधि का विकल्प देने और जमा को भुनाने योग्य बॉन्ड या शेयर में तब्दील करने के विकल्पों पर भी चर्चा हो रही है। जसपाल सिंह बिंद्रा की अगुआई वाले सेंट्रम समूह और भारतपे, इस्पात दिग्गज संजीव गुप्ता के लिबर्टी समूह और मुंबई एवं हैदराबाद के दो कारोबारी परिवारों ने पीएमसी बैंक के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई है।
2019-20 में पीएमसी बैंक में कुल 10,727.12 करोड़ रुपये जमा थे और 4,472.78 करोड़ रुपये उधारी दी गई थी। बैंक को 6,835 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और उसकी हैसियत ऋणात्मक 5,850.61 करोड़ रुपये रह गई थी।
जानकारी के अनुसार करीब 4,000 करोड़ रुपये 5 लाख रुपये बीमा वाली श्रेणी में थे। हालांकि पीएमसी बैंक का सौदा चालू वित्त वर्ष के अंत तक शायद पूरा न हो पाए। एक सूत्र ने बताया कि जमाओं पर ब्याज, वेतन तथा अन्य आवश्यक भुगतान मद में रोजाना करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ऐसे में बैंक की समाधान योजना में जितनी देर होगी, नए निवेशकों के लिए पुनरुद्घार की लागत उतनी ही ज्यादा होगी।
बैंकिंग नियमन अधिनियम (1949) में संशोधन के बाद पीएमसी बैंक इस क्षेत्र में पहला बड़ा सौदा होगा।
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