पीसीए से निकलने के बाद एटी1 पर निर्णय लेगा आईडीबीआई बैंक | अभिजित लेले / मुंबई March 02, 2021 | | | | |
भले ही नुकसान को सिक्योरिटीज प्रीमियम खातों में रकम के साथ समायोजित करने से आईडीबीआई बैंक की पूंजी उगाही योजनाओं में मदद मिलेगी, लेकिन उसे प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन यानी त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) से बाहर निकलने का इंतजार करना होगा और टियर-1 बॉन्ड जारी करने के संदर्भ में चौथी तिमाही को लाभदायक बनाने पर ध्यान देना होगा।
बैंक के अधिकारियों का कहना है कि ऋणदाता बेहतर स्थिति में है और उसका मौजूदा पूंजी आधार पर्याप्त है तथा इससे अगले वित्त वर्ष में वृद्घि को मदद मिल सकती है। दिसंबर 2020 के अंत में उसका पूंजी पर्याप्तता अनुपात 14.77 प्रतिशत था।
उनका कहना है कि इसके अलावा, पीसीए इकाई होने का मतलब है निवेशकों द्वारा बॉन्डों पर ज्यादा ऊंचा प्रतिफल तलाशना, वह भी तब जब ब्याज दर चक्र बदल रहा है।
एलआईसी-नियंत्रित निजी ऋणदाता के बोर्ड ने 45,586 करोड़ रुपये के संचित नुकसान को सिक्योरिटीज प्रीमियम खाते में बैलेंस के साथ समायोजित करने की अनुमति दी है। यह समायोजन योजना शेयरधारकों और नियामकीय मंजूरियों के अधीन है। 31 दिसंबर, 2020 को समेकित नुकसकान 44,739 करोड़ रुपये पर था। गैर-लेखा वित्तीय विवरणों के अनुसार प्रीमियम खाते में बैलेंस 31 दिसंबर 2020 तक 50,718 करोड़ रुपये था।
वहीं 31 मार्च 2021 तक समेकित नुकसान ऑडिटेड वित्तीय विवरणों को बैंक बोर्ड की मंजूरी के बाद ही तय किया जा सकेगा। बैंक की अधिकृत शेयर पूंजी 25,0000 करोड़ रुपये है।
|