साइकिल से विधान सभा पहुंचे कांग्रेसी विधायक | सुशील मिश्र / मुंबई March 02, 2021 | | | | |
महाराष्ट्र में सोमवार से शुरू हुए विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस पार्टी के नेता पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में साइकिल से विधान सभा पहुंचे। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार को आम जनता की कोई फ्रिक नही हैं। वहीं भाजपा ने कांग्रेस की साइकिल रैली पर सवाल उठाते हुए पलटवार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में इसमें 27 रुपये का टैक्स लगाता है, जो कई राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। राज्य सरकार करों में कटौती करके जनता को राहत प्रदान कर सकती है।
ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की अगुवाई में विधान भवन तक साइकिल रैली निकाली। मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा के नजदीक पटोले ने पत्रकारों से बात करते हुए केंद्र सरकार पर लोगों का मजाक उड़ाने और ईंधन के दाम बढ़ा आम आदमी के मुंह से निवाला छीनने का पाप करने का आरोप लगाया। पटोले ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ा आम आदमी के जीवन में परेशानियां बढ़ा दी हैं, केंद्र लोगों का मजाक उड़ा रहा है। ईंधन की बढ़ती कीमत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस नेता विधान भवन तक साइकिल से गए। पटोले ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की सर्दियां खत्म होने के बाद ईंधन के दाम कम होने के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ईंधन मूल्यवृद्धि को लेकर लोगों में रोष है।
कांग्रेस द्वारा निकाली गई साइकिल रैली को कार्यक्रम करार देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में एमवीए सरकार ईंधन के दाम में वृद्धि के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है, जबकि वह करों में कटौती करके राहत प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रति लीटर पेट्रोल पर केंद्र द्वारा लगाए गए कर 70 रुपये तक होते हैं और यह राशि विभिन्न तरीकों से राज्यों को दे दी जाती है तथा राज्य द्वारा लगाया गया शुल्क 27 रुपये तक होता है। महाराष्ट्र मे जिस कीमत पर पेट्रोल-डीजल मिलता है, वह कई राज्यों की तुलना में ज्यादा है। महाअघाड़ी सरकार पट्रोल-डीजल पर 27 रुपये कर लेती है। केंद्र सरकार जो 33 रुपये का कर लगाती है, उसमे चार रुपये कृषि सेस और चार रुपये विक्रेता का कमीशन होता है। इसके बाद बचे 25 रुपये से जो पैसा आता है, उसका 42 फीसदी केंद्र सरकार राज्य सरकार को देती है। ऐसे में मुझे लगता है कि कांग्रेस ने जो रैली निकाली है, वह अपनी ही सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि राज्य सरकार जो 27 रुपये वसूलती है, उसमें कुछ कमी की जाए। कांग्रेस की साईकिल रैली महज एक कार्यक्रम था, शायद वह ईंधन पर कर कटौती का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हों, क्योंकि करों की कटौती की चर्चा चल रही है।
कांग्रेस के नेताओं की साइकिल रैली विधान भवन के बाहर जैसे ही पहुंची, भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने जहां ईंधन के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र को लुटेरा करार दिया, वहीं विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने उद्धव ठाकरे नीत सरकार पर राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर मुहं छुपाने का आरोप लगाया। दोनों दलों के विधायकों के बीच काफी गहमा गहमी बढ़ गई, जो वरिष्ठ नेताओं के बीच बचाव के बाद शांत हुई।
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