'फसल बेचने के लिए मिलें नए विकल्प : मोदी | भाषा / नई दिल्ली March 01, 2021 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किसानों को फसल बेचने के लिए नए विकल्प उपलब्ध कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें (किसानों को) बेहतर मूल्य मिले, इसके लिए कृषि उपज के मूल्यवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में क्रांति लाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट में किए गए प्रावधानों पर वेबिनार को संबोधित करते हुए विभिन्न पहलों के बारे में बताया।
इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरऐंडडी) कार्यों सहित दूसरे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों और उनके खिलाफ जारी किसान आंदोलन का सीधे कोई जिक्र किए बिना कहा कि देश के किसानों के लिए उनकी कृषि उपज बेचने के नए रास्ते, नए विकल्प का विस्तार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, 'आज यह समय की जरूरत है कि देश के किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए अधिक से अधिक विकल्प उपलब्ध हों।' किसी भी तरह के प्रतिबंधों का इस क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा।
मोदी सरकार का कहना है कि तीन नए कृषि कानूनों से किसानों को उनकी उपज बेचने के लिये नए विकल्प उपलब्ध होंगे। लेकिन इसको लेकर पंजाब और दूसरे राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना, प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इन कानूनों के अमल में आने से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीदारी बंद हो जायेगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बजट में कृषि क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के 15 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 16.5 लाख करोड़ रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अवसंरचना कोष के लिए आवंटन बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, साथ ही सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए आवंटन दोगुना किया गया है। इसके साथ ही ऑपरेशन ग्रीन योजना का दायरा भी जल्द नष्ट होने वाले 22 उत्पादों तक बढ़ा दिया गया। ई-नाम योजना के तहत 1,000 और मंडियों को जोड़ा जाएगा।
मोदी ने बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया ताकि इनका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने फसल कटाई बाद की सुविधाओं के क्षेत्र में नई क्रांति लाने की आवश्यकता बताते हुए खाद्यान्न, सब्जियों, फलों और मछली पालन क्षेत्र से जुड़े इलाकों में खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं को विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी और सहकारी क्षेत्र को कृषक समुदाय के साथ पूरी ताकत से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि गांवों के आसपास भंडारण सुविधाएं हों। खेतों से प्रसंस्करण इकाइयों तक कृषि उपज को ले जाने की सुविधा बेहतर होनी चाहिए।
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