प्रमाणित निवेशक टैग से मिलेगा क्यूआईबी दर्जा | समी मोडक / मुंबई February 26, 2021 | | | | |
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने घरेलू बाजार के लिए 'एक्रेडिटेड इन्वेस्टर' यानी प्रमाणित निवेशक की अवधारणा पेश किए जाने का प्रस्ताव रखा है।
एक्रेडिटेड इन्वेस्टर क्या है?
वैश्विक तौर पर कुछ क्षेत्रों ने एक्रेडिटेड इन्वेस्टर की अवधारणा को अपनाया है जि से पात्र निवेशक या पेशेवर निवेशक भी करार दिया गया है। यह योग्यता उन लोगों को दी जाती है जो अपनी वित्तीय क्षमता को प्रदर्शित कर सकें, जिनके पास विभिन्न वित्तीय योजनाओं और उनसे संबद्घ जोखिम की बेहतर समझ हो तथा सही निर्णय लेने में सक्षम हों और नुकसान को समायोजित करने की क्षमता रखते हों। मौजूदा समय में भारतीय बाजारों में पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) की अवधारणा है, जिसमें म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियां या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शामिल हैं। इन निवेशकों को बाजार तक अच्छी पहुंच हासिल है। हालांकि कोई व्यक्तिगत निवेशक क्यूआईबी दर्जा हासिल नहीं कर सकता है। एक्रेडिटेड इन्वेस्टर की अवधारणा व्यक्तिगत निवेशकों को क्यूआईबी जैसा दर्जा मुहैया कराएगी।
एक्रेडिटेड इन्वेस्टर बनने के लिए पात्रता
चर्चा पत्र में, सेबी ने व्यक्तिगत, कॉरपोरेट इकाइयों और एनआरआई जैसे निवेशकों के विभिन्न प्रकारों के लिए अलग अलग शर्तों का प्रस्ताव रखा है। व्यक्ति के लिए, न्यूनतम 2 करोड़ रुपये की सालाना आय, या 7.5 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ (वित्तीय परिसंपत्तियों का कम से कम आधा), या 1 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय और कम से कम 5 करोड़ रुपये की नेटवर्थ की सीमा रखी है। वहीं कॉरपोरेट इकाइयों के लिए कम से कम 50 करोड़ रुपये की नेटवर्थ जरूरी है। एनआरआई के मामले में, सालाना आय कम से कम 300,000 डॉलर या नेटवर्थ कम से कम 10 लाख डॉलर, या सालारना आय 150,000 डॉलर और नेटवर्थ 750,000 डॉलर होनी चाहिए। विदेशी कॉरपोरेट इकाइयों के लिए, न्यूनतम नेटवर्थ की अनिवार्यता 75 लाख डॉलर है।
इसके क्या फायदे हैं?
चूंकि इन निवेशकों को पर्याप्त समझ और वित्तीय जानकारी होनी चाहिए, जिससे कि वे अनुकूल निवेश योजनाओं तक आसानी से पहुंच बना सकें। इसके अलावा, सेबी ने एक्रेडिटेड निवेशकों के लिए विभिन्न उत्पाद और सेवाओं के लिए 'लाइट टच' नियामकीय ढांचा बनाए जाने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही सेवा प्रदाताओं को इन निवेशकों को ध्यान में रखकर निवेश उत्पाद तैयार करने की स्वतंत्रता होगी। सेबी ने चर्चा पत्र में इस बारे में स्पष्ट रूप से समझाया है कि एक्रेडिटेड इन्वेस्टर को पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) या वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएपाऊ) जैसी सेवाओं तक न्यूनतम पूंजी की शर्त के बगैर पहुंच बनाने में मदद मिल सकेगी। वैसे अन्य निवेशकों के लिए यह पूंजी अनिवार्यता 50 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये है। इस बीच, बाजार नियामक गैर-प्रमाणित निवेशकों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराएगा। वे जोखिम वाले उत्पादों में सौदेबाजी से सुरक्षित रहेंगे। सेबी का कहना है कि उत्पादों या सेवाओं के लिए लाइट टच नियामकीय ढांचा एक्रेडिटेड निवेशकों के लिए उपयोगी है क्योंकि इससे एक्रेडिटेड निवेशकों के अलावा भी निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामकीय संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।
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