कोविड-19 महामारी ने इन्फोसिस की मजबूती और 'लाइव एंटरप्राइज' बनने के लिए उसके बदलाव के प्रयासों को परखा है। इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने 'लाइव एंटरप्राइज' पुस्तक के वर्चुअल लॉन्च पर यह भी कहा कि लाइव एंटरप्राइज इस बारे में एक विचार है कि कैसे कंपनियां भविष्य में अपना संचालन करेंगी और इसका बड़ा हिस्सा पिछले तीन साल के दौरान इन्फोसिस के स्वयं के अनुभव पर आधारित है। पिछले तीन साल के दौरान इन्फोसिस स्वयं को ज्यादा सक्षम बनाने, अपने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाने, बेहद सक्रिय लर्निंग प्लेटफॉर्म बनाने (एलईएक्स नाम से), कंपनी के साथ कर्मचारियों को डिजिटली तौर पर बातचीत में सक्षम बनाने के प्रयास में जुटी हुई है। हमने महामारी के दौरान ग्राहकों के लिए 'मैरिडियन कॉलेबरेशन' टूल का इस्तेमाल किया। हमने इस अनुभव से काफी कुछ सीखा और इससे दुनियाभर में 1,000 से ज्यादा ग्राहकों को अवगत कराया। इस सभी को इस पुस्तक में शामिल किया गया है। जेफ कावानॉघ (इन्फोसिस नॉलेज इंस्टीट्यूट के वैश्विक प्रमुख) और रफी तरफदार (मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी गु्रप, इन्फोसिस) द्वारा लिखित 'द लाइव एंटरप्राइज' पुस्तक में इस बारे में बताया किया गया है कि किस तरह से कंपनियां और अधिकारी डिजिटल बदलाव के लिए तैयार हो सकते हैं। इसमें इन्फोसिस की लाइव एंटरप्राइज के तौर पर यात्रा को भी शामिल किया गया है, क्योंकि वह महामारी से पैदा हुई चुनौतियों से जूझ चुकी है। पिछले दशक के दौरान प्रौद्योगिकी इस्तेमाल के संदर्भ में उपभोक्ता क्रांति में बड़े बदलाव देखे गए। नीलेकणि ने कहा, 'हमने क्लाउड में तेजी देखी है और अब ज्यादा संख्या में लोग अपने एप्लीकेशनों को पब्लिक एवं प्राइवेट क्लाउड के समावेश से जोड़ रहे हैं। एआई और स्वचालन में तेजी, डिजिटल प्लेटफॉर्मों के संदर्भ में महामारी ने यह साबित किया कि कंपनियां डिजिटली तौर पर सक्रियता बढ़ाए बगैर हालात का प्रबंधन नहीं कर सकती हैं। महामारी ने उन कंपनियों को अन्य के मुकाबले अलग पहचान दिलाई जो डिजिटली तौर पर सक्षम हैं और हम पूरी दुनिया के डिजिटल-युक्त होने की संभावना देख रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव चाहने वाली कंपनियों को स्वयं को डिजिटलयुक्त संगठन बनाने के लिए एक मजबूत रूपरेखा तैयार करनी होगी। चूंकि इन्फोसिस इस परिवर्तनकारी राह पर पहले ही बढ़ चुकी थी, जब महामारी फैली। उन्होंने कहा, 'हमारे पास रिमोट वर्किंग के लिए अपना डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर था, भले ही इसे महामारी के दौरान कुछ कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कराया गया था, लेकिन इसका दायरा बढ़ाने को लेकदर सवाल बना हुआ था और हम कम समय में इसका समाधान निकालने में सक्षम रहे थे।'
