5जी सेवा के लिए भारती एयरटेल ने मिलाया क्वालकॉम से हाथ | रॉयटर्स / बेंंगलूरु February 23, 2021 | | | | |
भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में 5जी सेवा के लिए अमेरिकी चिप निर्माता क्वालकॉम संग काम करेगी क्योंंकि दूरसंचार फर्म दुनिया के दूसरे सबसे बड़े वायरलेस मार्केट में अत्याधुनिक वायरलेस नेटवर्क लगाने की तैयारी में है। ग्राहक संख्या के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली जियो के बाद दूसरे नंबर पर काबिज एयरटेल ने स्टॉक एक्सचेंजों को दिए बयान में कहा कि वह क्वालकॉम के रेडियो एक्सेस नेटवर्क प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगी, जो क्लाउड पर सेवाओं का परिचालन करता है। इसके जरिए एयरटेल भारत में 5जी नेटवर्क शुरू करेगी।
एयरटेल ने कहा, यह गठजोड़ तेजी से ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के इरादे से किया गया है, जो देश भर में शुरू किया जाएगा क्योंकि आज के समय मेंं यह तेजी से अहम बनता जा रहा है।
महामारी के दौर में वर्क फ्रॉम होम के दौरान उच्च गति वाली इंटरनेट सेवाओं की जरूरतें रेखांकित हुई है, भारत की 5जी की महत्वाकांक्षा इस तकनीक के सहारे वाले स्पेक्ट्रम की नीलामी में देरी के कारण पूरी नहीं हो पाई है। भारत में स्पेक्ट्रम की अपेक्षाकृत ज्यादा कीमतों पर दूरसंचार कंपनियों ने अपनी चिंता सामने रखी है। देश में कुछ स्पेक्ट्रम की नीलामी मार्च में होने की संभावना है, लेकिन 5जी को समर्थन देने वाले बैंड की नीलामी अगले छह महीने में कभी भी हो सकती है। 5जी पर तैयारी को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट में ये बातें कही है।
यह तकनीक इंटरनेट की गति मौजूदा नेटवर्क के मुकाबले 20 गुना तेज देने का वादा करता है। जियो ने पहले ही कहा है कि उसने इन हाउस 5जी समाधान तैयार किया है और वह स्पेक्ट्रम की उपलब्धता के साथ ही सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है। मूल कंपनी रिलायंस ने पिछले साल अपनी डिजिटल इकाई (जियो) के लिए क्वालकॉम से करीब 9.7 करोड़ डॉलर जुटाए थे। नियामकीय आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 के आखिरी कुछ महीनों में एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी मुकेश अंबानी की जियो के मुकाबले तेजी से बढ़ी है।
एयरटेल का गठजोड़ ऐसे समय में हो रहा है जब भारत सरकार के अधिकारियों ने चीन की दूरसंचार उपकरण निर्माता हुआवे के टेलिकॉम गेयर के इस्तेमाल पर चिंता जताई है, जो अमेरिका में जासूसी करने की आरोपी है।
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