आरआईएल को पुनर्गठन से मदद | निकिता वशिष्ठ / नई दिल्ली February 23, 2021 | | | | |
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के निवेशक तेल से लेकर रसायन (ओ2सी) व्यवसाय को आरआईएल की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक इकाई में तब्दील करने के प्रस्ताव को लेकर काफी हद तक बेफिक्र थे, क्योंकि ज्यादातर निवेशकों को इस कदम का पहले से ही अनुमान था। आरआईएल का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 0.8 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ और दिन के कारोबार में इसमें 2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
ताजा घोषणा के बाद भी, 'नई ऊर्जा एवं शुद्घ पदार्थ' व्यवसाय पर आरआईएल का ध्यान बरकरार रहने और धीरे धीरे ओ2सी वर्टिकल के लिए परिदृश्य में सुधार लाने से भविष्य में इस शेयर को मजबूती मिल सकती है।
मंगलवार को आरआईएल ने कहा कि उसने ओ2सी व्यवसाय को नई सहायक इकाई में पुनर्गठित करने की प्रक्रिया शुरू की है और इसके वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो जाने की संभावना है। प्रस्ताव के अनुसार, आरआईएल अपने रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन व्यवसायों के साथ साथ बीपी के साथ ईंधन विपणन संयुक्त उपक्रम (आरआईएल की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी), सिबूर के साथ संयुक्त उपक्रम (74.9 प्रतिशत), रेक्रॉन/आरपी केमिकल्स मलेशिया, ईथेन पाइपलाइन और अन्य सभी संबंधित परिसंपत्तियों को ओ2सी इकाई में स्थानांतरित करेगी।
कुल मिलाकर, आरआईएल 40 अरब डॉलर की दीर्घावधि परिसंपत्तियां और 2 अरब डॉलर की शुद्घ कार्यशील पूंजी ओ2सी इकाई में स्थानांतरित करेगी।
इस पुनर्गठन का आरआईएल के समेकित वित्त या शेयरधारिता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, नोमुरा के विश्लेषकों का कहना है, 'ओ2सी डी-मर्जर यानी इसे अलग इकाई में तब्दील किए जाने की प्रक्रिया ओ2सी परिसंपात्तियों की टैक्स नेटवर्थ पर आधारित होगी, जिससे यह सौदा आरआईएल के लिए कर अनुकूल बन जाएगा।'
विश्लेषक इस प्रस्ताव को आरआईएल की रणनीति में बड़े बदलाव के तौर पर भी देख रहे हैं, क्योंकि नई ओ2सी इकाई कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) को उपयोगी उत्पादों और रसायनों में तब्दील करने के लिए नई पीढ़ी के कार्बन कैप्चर और स्टोरेज प्रौद्योगिकियों में निवेश करेगी।
मॉर्गन स्टैनली में इक्विटी विश्लेषक मयंक माहेश्वरी ने कहा, 'जहां यह नया प्रस्ताव हमारी उम्मीदों के अनुरूप था, वहीं सीओ2 के इस्तेमाल पर फोकस नया है और इससे भविष्य में कार्बन संबंधित निवेश का पता चलता है।'
नए ऊर्जा एवं पदार्थ व्यवसाय का मकसद वर्ष 2035 तक समूह के लिए शुद्घ कार्बन जीरो की उपलब्धि हासिल करना है, और साथ ही कार्बन कैप्चर तथा हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ओ2सी इकाई के साथ काम करना है।
माहेश्वरी का कहना है कि अलग इकाई बनने से बैटरी, हाइड्रोजन, अक्षय ऊर्जा और कार्बन कैप्चर में कंपनी के नए ऊर्जा एवं मैटेरियल की योजनाओं में भी तेजी आ सकती है। मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि नए ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा का बाजार 50 अरब डॉलर से ज्यादा का है।
केआरचोकसी शेयर्स ऐंड सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी का मानना है कि अलग इकाई बनने से स्वच्छ ऊर्जा के साथ साथ ओ2सी व्यवसाय को मदद मिलेगी और निवेशकों को व्यक्तिगत वर्टिकलों में अपना पैसा लगाने के लिए विकल्प मिलेगा।
मॉर्गिन स्टैनली ने 2,252 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है।
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