डेटा सेंटर कारोबार में उतरा अदाणी समूह | राघवेंद्र कामत / मुंबई February 23, 2021 | | | | |
अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज ने कहा है कि उसने देश भर में डेटा सेंटर स्थापित करने और उसके संचालन के लिए वैश्विक डेटा सेंटर ऑपरेटर एजकनेक्स के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए करार किया है। इस संयंत्र उद्यम में दोनों कंपनियों की बराबर हिस्सेदारी होगी।
अदाणीकनेक्स फुल-स्केल डेटा सेंटरों के अलावा देश में रणनीतिक तौर पर महत्त्वपूर्ण आधुनिक डेटा सेंटरों का एक पोर्टफोलियो भी तैयार करेगी ताकि अधिक अनुमानित क्षमता की जरूरतों को पूरा किया जाा सके। इन एज साइटों के लिए डिजाइन और योजना इस तरीके से तैयार की जाएगी ताकि मांग के आधार पर उसे आसानी से बढ़ाया जा सके और उसे फुल-स्केल डेटा सेंटर में बदला जा सके। कंपनी ने कहा कि सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि देश भर में विस्तृत यह प्लेटफॉर्म काफी हद तक अक्षय ऊर्जा से संचालित होगा।
एजकनेक्स के मुख्य कार्याधिकारी रैंडी ब्रुकमैन ने कहा, 'अदाणी भारत में हमारा एक आदर्श साझेदार है।' उन्होंने कहा, 'उनके पास भारत में महत्त्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आवश्यक क्षमता और अनोखी विशेषज्ञता उपलब्ध है। इससे हम अपने ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। हम भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश करने और पूरे क्षेत्र में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर हैं।'
यह संयुक्त उद्यम ऊर्जा प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा और रियल एस्टेट के विकास में अदाणी की विशेषज्ञताओं का फायदा उठाएगा। इसके अलावा उसे देश भर में बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास एवं भवन निर्माण में अदाणी की दक्षताओं का भी फायदा मिलेगा।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, 'पूरी भारतीय आबादी ने जिस रफ्तार से ऑनलाइन हुई और उसके बाद डेटा की खपत में लगातार वृद्धि ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।' यह संयुक्त उद्यम भारत में हाइपरस्केल डेटा सेंटर का नेटवर्क तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और इसकी शुरुआत चेन्नई, नवी मुंबई, नोएडा, विशाखापत्तनम और हैदराबाद जैसे बाजारों से होगी। इन जगहों पर विकास एवं निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं।
क्रिसिल रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, डेटा के स्थानीयकरण और वैश्विक महामारी के कारण डेटा सेंटरों में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक डेटा सेंटर के क्षेत्र में 5 अरब डॉलर का निवेश होने की उम्मीद है और इससे उसकी क्षमता बढ़कर तिगुनी हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 तक 360 मेगावॉट बिजली की खपत होने के साथ ही मार्च 2025 के अंत तक कुल क्षमता 1,100 से 1,200 मेगावॉट तक बढऩे की उम्मीद है। हीरानंदानी, पूर्वांकर, डीएलएफ आदि रियल एस्टेट डेवलपर डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए पहले ही उद्यम स्थापित कर चुके हैं। हीरानंदानी समूह ने विभिन्न शहरों में डेटा सेंटर एवं औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए अगले तीन वर्षों में लगभग 8,500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ नोएडा में डेटा सेंटर विकसित करने के लिए 130 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
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