ऐप डाउनलोड में व्हाट्सऐप फिर आगे | सुरजीत दास गुप्ता / February 23, 2021 | | | | |
फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप के उपयोग के लिए 4 जनवरी को नई निजता नीति लाने के बाद भारतीयों द्वारा इसके विकल्पों की खोज अब कमजोर पड़ती दिख रही है।
टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क द्वारा समर्थन हासिल करने वाली तथा व्हाट्सऐप के प्रतिद्वंद्वी सिग्नल ने एक बार भारतीय संवाद क्षेत्र में तहलका मचाया लेकिन अब इसका शोर धीमा होता दिख रहा है। सेंसर टावर द्वारा जारी डेटा के अनुसार, कभी सर्वाधिक डाउनलोड होने वाले शीर्ष 200 ऐप की सूची से बाहर रहने वाले ऐप के 18 जनवरी को सबसे अधिक डाउनलोड हुए लेकिन अब उसकी रैंकिंग फिर से गिरने लगी है। 14 फरवरी को सिग्नल सबसे अधिक डाउनलोड होने वाले ऐप की सूची में आठवें स्थान पर आया लेकिन 23 फरवरी को 15वें स्थान पर फिसल गया।
हालांकि, 18 जनवरी को सिग्नल और टेलीग्राम के बाद तीसरे स्थान पर रहने वाला व्हाट्सऐप इस अवधि के दौरान फिर से शीर्ष पर पहुंचा और 23 फरवरी को पहले स्थान पर काबिज हो गया। हालांकि इस दौरान टेलीग्राम अभी भी सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की सूची में शीर्ष दो स्थानों में शामिल रहा। कभी व्हाट्सऐप को चुनौती देने वाले दूसरे ऐप भी इस सूची में काफी पिछड़ गए हैं। दूरसंचार ऑपरेटर तुर्कसेल के स्वामित्व वाले बीआईपी से फेसबुक को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा था। सेंसर टावर के आंकड़ों के अनुसार, बीआईपी ने 15 जनवरी को संचार ऐप डाउनलोड की सूची में व्हाट्सऐप को तीसरे स्थान से पीछे धकेल दिया था और 16 जनवरी को फेसबुक द्वारा नए गोपनीयता संबंधी नियमों को कुछ समय के लिए स्थगित करने की घोषणा के बाद भी बीआईपी अपने स्थान पर बना रहा। संचार ऐप में बीईपी की रैंकिंग 11 जनवरी को 425 से बढ़कर अगले दिन 12 वें स्थान पर पहुंच गई। शायद 24 घंटे के भीतर किसी मेसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए यह सबसे ऊंची छलांग थी। हालांकि इसके बाद भारत में इसकी गिरावट भी समान रूप से नाटकीय रही और 15 फरवरी को इसकी रैंकिंग 151 पर पहुंच गई तथा इस मंगलवार को यह 224 वें स्थान पर पहुंच गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ स्पष्ट कारणों से यह बदलाव हुआ। नए गोपनीयता कानूनों को काफी अधिक प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसके तहत फरवरी तक सभी उपयोगकर्ताओं को उन्हें स्वीकार कर लेना था, वरना वे व्हाट्सऐप का उपयोग नहीं कर सकते थे। हालांकि प्रतिरोध को देखते हुए कंपनी ने तीन महीने के लिए इसे टाल दिया है। कंपनी ने उपयोगकर्ताओं को यह समझाने के लिए एक अभियान भी चलाया कि नई नीति से मेसेजिंग के एन्क्रिप्शन में कोई बदलाव नहीं होगा और नई नीति बहुत स्पष्ट है। कंपनी ने बताया कि नई नीति संबंधी अनुमति केवल व्हाट्सऐप के 1.9 करोड़ व्यापार खातों के साथ उपयोगकर्ताओं के संवाद तक सीमित है। केवल इन मामलों में उपयोगकर्ता द्वारा व्यवसाय या मर्चेंट को भेजी जाने वाली जानकारी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ली जा सकती है।
इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि प्रतिकूल प्रतिक्रिया के बावजूद व्हाट्सऐप को देश में अपने 40 करोड़ ग्राहकों में किसी तरह की सेंध दिखाई नहीं दी। कंपनी पर करीबी नजर रखने वाले एक सूत्र ने कहा, 'कई व्हाट्सऐप उपयोगकर्ताओं ने संवाद के दूसरे ऐप का भी उपयोग किया लेकिन उन्होंने व्हाट्सऐप का उपयोग करना भी जारी रखा और ऐप को अपनी सूची से नहीं हटाया।'
हैरानी की बात है कि व्हाट्सऐप के सभी विकल्प विदेशी कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए थे जबकि लघु वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद खाली हुई जगह भरने के लिए कई भारतीय कंपनियों जैसे जोश, टकाटक और ग्लेंस द्वारा ऐप लाए गए। तथ्य यह है कि एकमात्र भारतीय मेसेजिंग ऐप हाइक से अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं और इसके संस्थापक कविन भारती मित्तल ने के अनुसार भारत में स्वदेशी मेसेंजर ऐप होने की संभावना नहीं है क्योंकि यहां वैश्विक नेटवर्क का प्रभाव बहुत मजबूत है, जब तक कि भारत उन पर प्रतिबंध नहीं लगाता।
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