कोविड-19 की दवा बिक्री में लगातार गिरावट | सोहिनी दास और विनय उमरजी / February 22, 2021 | | | | |
पिछले साल की दूसरी छमाही में रफ्तार पकडऩे के बाद कोविड-19 की दो प्रमुख दवाओं-रेमडेसिविर और फैविपिराविर में तेज गिरावट आई है। बाजार अनुसंधान कंपनी - एआईओसीडी एडब्ल्यूएसीएस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल नवंबर में 124 करोड़ रुपये की शीर्ष मासिक बिक्री की तुलना में जनवरी में रेमडेसिविर की बिक्री घटकर 41 करोड़ रुपये रह गई है। सिप्ला की सिप्रेमि और कैडिला हेल्थकेयर की रेमडैक पिछले कुछ महीनों के दौरान सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड रहे हैं। जनवरी में भी इन दोनों ब्रांडों में से प्रत्येक की बिक्री 15 करोड़ रुपये रही है, जो रेमडेसिविर की कुल मासिक का 75 प्रतिशत है। अलबत्ता इन ब्रांडों की बिक्री में भी गिरावट आई है। नवंबर में लगभग 40 करोड़ रुपये (प्रत्येक) की मासिक बिक्री के बाद से बिक्री लगातार घटी है।
हालांकि रेमडेसिविर इंजेक्शन से दी जाने वाली दवा है जिसे अस्पतालों में दिया जाता है, लेकिन मुंह से सेवन की जाने वाली ऐंटीवायरल दवा फेविपिराविर की बिक्री में भी पिछले कुछ महीनों के दौरान गिरावट देखी गई है। सितंबर में 117 करोड़ रुपये की शीर्ष मासिक बिक्री के मुकाबले जनवरी में अब यह तेजी से गिरकर 18 करोड़ रुपये रह गई है। ग्लेनमार्क की फैफिफ्लू यहां ऐसा ब्रांड है जिसकी बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। हालांकि कोविड-19 के मामलों में गिरावट आने की वजह से फैबिफ्लू की बिक्री भी गिरावट आई है। वर्ष 2020 में लगभग 60 करोड़ से 70 करोड़ रुपये की मासिक बिक्री की तुलना में जनवरी में इसकी बिक्री घटकर 12 करोड़ रुपये रह गई है।
कैमिस्ट बताते हैं कि इन दवाओं की बिक्री में महीना दर महीना गिरावट आ रही है। केमिस्ट और दवा विक्रेताओं का कहना है कि फरवरी के दौरान गुजरात में फैविपिराविर और रेमडेसिविर की मासिक आधार पर बिक्री में 90 से 95 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। फेडरेशन ऑफ गुजरात स्टेट कैमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अल्पेश पटेल ने कहा कि आठ से 10 कंपनियों के स्टॉक निष्क्रिय पड़े हुए हैं। पिछले महीने की तुलना में 10 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई है, क्योंकि घरेलू देखभाल और अस्पतालों दोनों में ही कोविड के मामलों में गिरावट आई है। इनमें से बहुत सारा स्टॉक गैर-वापसी वाला था। जिना भी स्टॉक वापस किया जा सकता था, वह वापस किया जा रहा है, क्योंकि वे चार से छह महीने की कम अवधि की एक्पायरी वाले हैं। पटेल के अनुसार ज्यादातर स्टॉक की एक्सपायरी अप्रैल 2021 की है और अब इनकी खेप भी नहीं आ रही हैं।
एसोसिएशन की अहमदाबाद शाखा के अध्यक्ष योगेश पटेल ने कहा कि यहां तक कि रेमडेसिविर, जो डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार सामान्य रूप से पहले दिन से ही अस्पतालों में दी जा रही है, उसमें भी गिरावट देखी गई है, क्योंकि कोई नए गंभीर मामले या उनमें इजाफा नहीं हुआ है।
गुजरात के खाद्य और दवा नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) के आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की महीने वार बिक्री में गिरावट आ रही है। नवंबर 2020 में यह 2,27,558 थी, जो दिसंबर 2020 में गिरकर 91,494 और जनवरी 2021 में घटकर 20,683 तथा फरवरी 2021 में फिसलकर अब तक केवल 6,564 ही रह गई है। दूसरी ओर, हालांकि जनवरी और फरवरी 2021 में फैविपिराविर गोली के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे, लेकिन दिसंबर 2020 में सप्ताह-दर-सप्ताह की बिक्री में इसकी 200एमजी, 400 एमजी और 800एमजी गोली की बिक्री पहले सप्ताह में 25,720, 88,630 और 15,560 से घटकर अंतिम सप्ताह में 8,220, 34,975 और 4,290 रह गई। अलबत्ता इन दो दवाओं ने संयुक्त रूप से घरेलू फार्मा बाजार में अच्छा प्रदर्शन किया है। वास्तव में, इन्होंने सिप्ला, कैडिला हेल्थकेयर और ग्लेनमार्क जैसी फार्मा कंपनियों के लिए सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांडों के बीच विशिष्टता को बढ़ाया है।
अपनी शुरुआत से (पिछले साल जुलाई के आसपास) घरेलू दवा बाजार में रेमडेसिविर और फैविपिराविर बिकने वाला प्रमुख मोलेक्यूल बन गई हैं। आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2021 तक रेमडेसिविर की संचयी बिक्री 510 करोड़ रुपये है, जबकि फैविपिराविर के मामले में यह 471 करोड़ रुपये रही है।
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