यूपी: बजट में कृषि-बुनियादी ढांचे पर जोर | |
बीएस संवाददाता / लखनऊ 02 22, 2021 | | | | |
खेती-किसानी और उद्योगों, एक्सप्रेस वे, मेट्रो, हवाई अड्डों के लिए खासे आवंटन के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का सालाना बजट पेश किया। वर्तमान सरकार का यह चुनाव से पहले पेश होने वाला आखिरा पूर्ण बजट था और इसमें विकास की योजनाओं से लेकर किसानों, युवाओं व धार्मिक परियोजनाओं पर विशेष जोर दिया गया है। अकेले एक्सप्रेस वे परियोजनाओं के लिए इस बार के बजट में 11,148 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार का बजट इस बार 5.50 लाख करोड़ रुपये का है जोकि पिछले बजट के 5.12 लाख करोड़ रुपये से करीब सात फीसदी से ज्यादा है। बजट में नई योजनाओं के लिए 27,598 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 90,729 करोड़ रुपये अनुमानित है जोकि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.17 फीसदी है, पिछले बजट में यह 2.97 फीसदी था। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल घरेलू उत्पाद का 28.1 फीसदी अनुमानित है।
विधानसभा में सोमवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एलान किया कि प्रदेश में निष्प्रयोज्य पड़ी सरकारी संपत्तियों पर उद्योग लगाए जाएंगे और इसके लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए हवाई अड्डों के विकास के साथ सड़कों, पुलों और ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट में भारी भरकम आवंटन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जल्दी ही शुरू की गई कोचिंग की अभ्युदय योजना के छात्रों को टैबलेट दिए जाने का एलान किया गया है।
खन्ना ने बताया कि बजट का आकार 5,50,270.78 करोड़ रुपये का है जिसमें 27,598 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। बजट में कुल प्राप्तियां 5,06,181.84 लाख करोड़ रुपये अनुमानित हैं जिसमें 4.18 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां शामिल हैं। कर राजस्व की प्राप्ति का अनुमान 3.05 लाख करोड़ रुपये का है जिसमें केंद्रीय करों की हिस्सेदारी 1.19 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित है।
जीएसटी एवं वैट से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 1.04 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 41,500 करोड़ रुपये रखा गया है। स्टांप व पंजीकरण शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 25,500 करोड़ रुपये रखा गया है।
इस बार के बजट में भी प्रदेश सरकार ने धार्मिक एजेंडे को धार देते हुए अयोध्या, वाराणसी के लिए 100-100 करोड़ रुपये तो विंध्याचल व नैमिषायरण्य के लिए 30 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। चित्रकूट में पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए 1,175 करोड़ रुपये तो जेवर हवाईअड्डे के लिए 2,000 करोड़ रुपये और अयोध्या के श्रीराम इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
कोविड टीकाकरण अभियान के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर एक बार फिर से जोर देते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 1,107 करोड़ रुपये, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए 1492 करोड़ रुपये और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 860 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे में जमीन अधिग्रहण के लिए सालाना बजट में 7,200 करोड़ रुपये की धनराशि का आवंटन किया गया है, जबकि निर्माण कार्यों के लिए 489 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
एक्सप्रेस वे से इतर लोकनिर्माण विभाग के आधीन सड़कों पर पुलों के निर्माण के लिए सालाना बजट में 12,441 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। सड़कों व पुलों की मर मत के लिए बजट में 4,135 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं, जबकि रेलवे ओवरब्रिजों के निर्माण के लिए 1,192 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
निष्प्रयोज्य संपत्तियों को लाभकारी बनाने के लिए बजट में बंद पड़ी सरकारी कताई मिलों की खाली पड़ी जमीन पर निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर औद्योगिक पार्क बनाने का एलान कर करते हुए सालाना बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के 23 सरकारी बस स्टेशनों का विकास भी पीपीपी मोड मे किया जाएगा। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए इस बार भी 250 करोड़ रुपये का प्रावधान है जबकि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
सालाना बजट में यमुना एक्सप्रेस वे में जेवर एयरपर्ट के पास इलेक्ट्रानिक सिटी व बुंदेलखंड के रक्षा गलियारे में डिफेंस इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का एलान किया गया है। राजधानी लखनऊ में नादरगंज में एयरपोर्ट के सामने 40 एकड़ जमीन पर पीपीपी माडल पर सूचना प्रौद्योगिकी सेंटर बनाया जाएगा।
पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 1,375 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के लिए, लड़कियों की शादी के लिए 150 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 829 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मदरसा आधुनिकीकरण परियोजना के लिए बजट में 479 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है, तो दिव्यांगजन पेंशन के लिए 720 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रदेश में बन रहे नौ मेडिकल कालेजों का काम पूरा करने के लिए 1,950 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वृद्धावस्था व किसान पेंशन के लिए 3,100 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। दो लाख मछुआरों को बिना प्रामियम दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाएगा। कन्या सुमंगला योजना के लिए 1,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वन में देश में पहले स्थान पर काबिज प्रदेश ने सालाना बजट में इसके लिए 10,029 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि शहरों के विकास के लिए अमृत योजना को 2,200 करोड़ रुपये दे गए हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए भी 2,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। कानपुर मेट्रो के लिए 597 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो को 478 करोड़ जबकि वाराणसी व गोरखपुर के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिंचाई की विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बजट में 3098 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
गांवों में पाइप से पेयजल पहुंचाने वाले जल जीवन मिशन के ले 15,000 करोड़ रुपये भारी भरकम बजट का आवंटन किया गया है वहीं शहरी क्षेत्र के ले 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट में मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा के लिए 600 करोड़ रुपये, मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये और रियायती दरों पर फसली कर्ज के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
|