कोरोना के पलटवार से परेशान महाराष्ट्र | सुशील मिश्र / मुंबई February 19, 2021 | | | | |
महाराराष्ट्र में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या परेशान करने वाली है। कोरोना के मामलों में अचानक उछाल को देखते हुए राज्य के कई इलाकों में पाबंदियां दोबारा लागू कर दी गई हैं। मुंबई और नागपुर महानगर पालिका सख्त दिशानिर्देश जारी कर चुके हैं। मुख्यमंत्री सहित पूरा सरकारी अमल मास्क पहनने की अपील कर रहा है, हालांकि किसान नेता टिकैत अपनी जनसभा करने की जिंद पर अड़े हुए हैं।
राज्य में आंदोलन, रैली, जनसभा एवं बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है। यवतमाल, अमरावती और अकोला में लॉकडाउन लागू किया गया है। मुंबई के बाद अब नागपुर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में कोरोना पर लगाम लगाने के लिए कड़े नियम लागू करने के आदेश दिए हैं। नए दिशानिर्देश के अनुसार होटल अब 50 फीसदी क्षमता के साथ ही संचालित होंगे। इसके अलावा यह भी कहा कि अंतिम संस्कार के लिए 20 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेशों में कहा गया है कि एक बिल्डिंग में पांच से ज्यादा कोरोना मामले सामने आने पर उसे सील कर दिया जाएगा। होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों के हाथों में स्टांप लगाया जाएगा। नागपुर में गुरुवार को 644 नए मामले सामने आए हैं। जिनमें से छह मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि 250 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की युद्ध नीति का उदाहरण देते हुए मास्क पहनने की अपील की है। छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए पुणे जिले के जुन्नार तहसील में शिवनेरी किले के दौरे के बाद एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज ने कई युद्ध लड़े और ‘स्वराज’ की स्थापना की, यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि उन्होंने विरोधियों का कैसे मुकाबला किया। इस तरह का युद्ध अब नहीं लड़ा जा रहा है और न ही तलवार और ढाल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस वक्त हम कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और मास्क पहनना ही इस लड़ाई में बचाव का एकमात्र तरीका है। लड़ाई में जब जरूरत पड़ेगी तो हम हथियार उठाएंगे और बचाव के लिए ढाल का इस्तेमाल करेंगे। इस लड़ाई में मास्क हमारा ढाल है, इसे कभी नहीं भूलें।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते राज्य में आंदोलन, रैली व सभाओं में रोक लगा दी गई है लेकिन यवतमाल जिला प्रशासन द्वारा 20 फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत को महापंचायत आयोजित करने की अनुमति देने से मना किए जाने के बावजूद इसके आयोजक जनसभा आयोजित करने की जिद पर अड़े हुए हैं। टिकैत का शनिवार को यवतमाल का आजाद मैदान में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। हालांकि, जिला प्रशासन ने इसके लिये अनुमति नहीं दी है। एसकेएम के महाराष्ट्र के संयोजक संदीप गिड्डे ने कहा कि यवतमाल में हम लोग कल महापंचायत करने पर अडिग हैं। राकेश टिकैत एवं मोर्चा के कुछ अन्य नेता जनसभा को संबोधित करेंगे। वह आज रात नागपुर पहुंचेंगे और कल यवतमाल में समारोह को संबोधित करेंगे। यदि टिकैत एवं अन्य नेताओं को रोका गया, तो हम लोग जिस स्थान पर उन्हें रोका जायेगा वहीं धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे। गौरतलब है कि यवतमाल जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरुवार को लोगों के जमा होने पर रोक लगाने और स्कूलों को दस दिनों के लिये बंद करने के निर्देश दिए थे ।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 75 दिनों के अंतराल के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर 5,000 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के नए मामले देखे गए। इस दौरान अकोला और नागपुर क्षेत्र में बड़े स्तर पर नए मामले मिले हैं। नए मामलों को मिलाकर राज्य में अब तक 20,81,520 मरीज मिल चुके हैं। वहीं, 51,669 मरीजों ने अपनी जान गंवा दी है। राज्य में मिले 5,427 मरीजों में केवल अकोला और नागपुर से ही 38 प्रतिशत मामले हैं। राज्य में कोरोना वायरस को लेकर बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार भी कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है।
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