योगी सरकार पेश करेगी 5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट! | बीएस संवाददाता / लखनऊ February 19, 2021 | | | | |
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए लगभग 5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का सालाना बजट पेश कर सकती है। वर्तमान सरकार का यह अंतिम बजट होने के चलते धार्मिक एजेंडे के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर खासा जोर दिया जा सकता है। प्रदेश सरकार 22 फरवरी को अपना सालाना बजट पेश करेगी और अगले दिन से इस पर चर्चा की शुरुआत होगी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए योगी सरकार इस बार के बजट में उन बड़ी ढांचागत परियोजनाओं के लिए खासा धन का आवंटन करेगी जिनके भरोसे विकास की छवि तैयार करनी है। इनमें पूर्वांचल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस व के साथ ही गंगा एक्सप्रेस वे और डिफेंस कारीडोर शामिल रहेंगे। प्रयागराज और वाराणसी मेट्रो परियोजनाओं के साथ कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए भी धन का आवंटन किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान असंगठित क्षेत्र के श्रमिक के सामने आयी दुश्वारियों के चलते योगी सरकार इस बार के बजट में उनके लिए दुर्घटना बीमा व स्वास्थ्य सहायता योजना पेश कर सकती है। इस योजना के तहत शुरुआती चरण में एक करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कवर करने की तैयारी है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कल्याणकारी योजनाओं, धारिमक पर्यटन की परियोजनाओं के अलावा सबसे ज्यादा जोर एक्सप्रेस वे, मेट्रो, हवाई अड्डों और बिजली परियोजनाओं पर रहेगा। गौरतलब है कि बीते साल योगी सरकार ने 5.12 लाख करोड़ रुपये बजट पेश किया था जो कि पहले के साल के मुकाबले सात फीसदी अधिक था। माना जा रहा है कि इस बार चुनावी साल होने के चलते बजट का आकार ज्यादा बड़ा हो सकता है। प्रदेश सरकार 22 फरवरी को पहली बार केंद्र का तर्ज पर पेपरलेस बजट पेश करने जा रही है। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए इसके लिए बजट आवंटन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। बीते साल ओडीओपी के लिए सालाना बजट में 250 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। महामारी के दौर में स्वरोजगार को बढ़ाने और छोटी व मझोली ईकाईयों में लोगों को काम देने के मामले में ओडीओपी खासी कारगर साबित हुयी है।
बीते साल कोरोना के चलते वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के साथ मूल्य संवर्धित कर (वैट) में हुयी कम वसूली को देखते हुए इस साल इनसे मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य बढ़ाया जा सकता है। बीते दिसंबर के अंत में घोषित आबकारी नीति में इस मद में मिलने वाले राजस्व में वृद्धि का खाका पहले ही तैयार किया जा चुका है। बीते साल के बजट में जीएसटी एवं वैट से 91568 करोड़ रुपये तो आबकारी से 37500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था। महामारी और लाकडाउन के चलते इन मदों में राजस्व वसूली पर प्रभाव पड़ा था।
इस बार के बजट में अयोध्या में बन रहे एयरपोर्ट के लिए खास तौर पर धन के आवंटन के साथ अन्य कई छोटे शहरों के हवाईअड्डों के लिए लिए धनराशि दी जा सकती है। वाराणसी और मथुरा के विकास के लिए भी धन का आवंटन किया जाएगा वहीं चित्रकूट में बन रहे हवाईअड्डे की परियोजना को पूरा करने पर जोर होगा। अयोध्या में प्रस्तावित नयी धार्मिक नगरी इच्छ्वाकुपुरी के लिए भी घोषणा की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करेंगे जबकि 23 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी। बजट पर चर्चा 24 फरवरी को शुरू होगी जो 25 फरवरी को भी जारी रहेगी। हजऱत अली के जन्मदिन पर अवकाश के कारण 26 फरवरी को बैठक नही होगी जबकि 27 व 28 फरवरी को शनिवार व रविवार के चलते अवकाश रहेगा। इसके बाद 1,2,3 मार्च को बजट पर चर्चा होगी जबकि 4 व 5 मार्च को बजट की अनुदान मांगो पर चर्चा के बाद इसे पारित किया जाएगा। बजट की अनुदान मांगो पर 8 व 9 मार्च को चर्चा खत्म कर इसे पारित किया जाएगा।
|