महाराष्ट्र में शुरू हुई विकेल ते पिकेल योजना | |
जगदीश चालके / मुंबई 02 17, 2021 | | | | |
कृषि क्षेत्र को अधिक बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 'विकेल ते पिकेल' योजना शुरू की है। इस योजना से किसानों को सीधा फायदा हो सकेगा। किसानों हितों को ध्यान में रखते हुए ही महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार यह योजना शुरू कर रही है।
विकेल ते पिकेल का मतलब है - जो बिकेगा, वही उगेगा। इसके लिए बाजार की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके जरिये किसान प्रत्यक्ष रूप में ग्राहक को अपना सब्जी और फल बेच ससकता है जिससे उसे ज्यादा पैसा मिलता है।
रायगड जिले के कर्जत तालुका कृषि क्षेत्र के अधिकारियों की तरफ से किसानों का माल प्रत्यक्ष ग्राहक को भेजने के लिए रायगड जिले में विकेल ते पिकेल शुरू की गई है। नवी मुंबई, रायगड की सोसायटी में जाकर अधिकारियों से अनुमति लेने के लिए अनुमति प्रदान की गई है। इस योजना में किसान से ग्राहक तक ताजा माल पहुंचता है। यानी ग्राहक और किसान दोनों को ही फायदा होता है।
खोपोली के कृषि उप विभागीय अधिकारी अर्चना सुल ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में अभियान चालू है। किसान पनवेल, कलंबोली तक के ग्राहकों को माल बेच रहा है। हम किसानों को फसल बेचने में मदद करते हैं। बाहर से आने वाले किसानों को भी उनका माल बेचने के लिए मदद की जाती है। हम किसानों को प्रशिक्षण देते हैं।
कर्जत के तालुका तंत्रज्ञान व्यवस्थापक रेश्मा मते ने कहा कि हम कर्जत के किसानों को माल बिक्री के लिए नवी मुंबई में सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव से किसानों का अनुमति दिला रहे हैं। सोसायटी से अनुमती मिलने के बाद बिक्री चालू हो जाएगी।
कर्जत के किसान सुनील भगवान रसाल ने कहा कि इस बार मैंने तरबूज की खेती की है। मैं इस अभियान में हाल ही में आया हूं। मैं पहले व्यपारियों को माल बेचता था, लेकिन अब खुद ग्राहक तक जाता हूं और माल बेचता हूं। मुझे ग्राहक से अच्छा फायदा मिल रहा है। ग्राहक भी खुश होते हैं। मैं पहले 10 रुपये किलो की दर से व्यापारियों को तरबूज बेचता था, अब 15 रुपये प्रति किलो की दर से ग्राहक को बेच रहा हूं। मेरा भी फायदा हो रहा है और ग्राहक को भी।
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