वित्त मंत्रालय ने मांगा अधिक लाभांश | शुभमय भट्टाचार्य / नई दिल्ली February 17, 2021 | | | | |
वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कहा है कि वह वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार को ज्यादा लाभांश सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करे। मंत्रालय ने ज्यादा लाभांश उस समय मांगा है, जब दुनिया भर में ब्याज दरें नरम चल रही हैं। वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से स्वर्ण मुद्रीकरण की संभावनाओं पर भी सलाह मांगी है। मंत्रालय और केंद्रीय बैंक के बीच चर्चा में आरबीआई ने मुद्रास्फीति के लक्ष्य में किसी तरह का बदलाव नहीं करने की सलाह दी है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आश्वस्त किया है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये का उधारी कार्यक्रम सुगमतापूर्वक संचालित होगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई की टीम ने सरकार से मुद्रास्फीति प्रबंधन नीतियों में किसी तरह की नरमी नहीं बरतने और मौद्रिक नीति प्रारूप के तहत इसके लक्ष्य में भी किसी तरह का बदलाव नहीं करने को कहा है।
केंद्र सरकार आरबीआई की सलाह से अगले महीने इसके लक्ष्यों की समीक्षा कर सकती है। 2016 में पारित मौद्रिक नीति प्रारूप के तहत आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति को सालाना मुद्रास्फीति लक्ष्य का पालन करना है। इस लक्ष्य को 4 फीसदी रखा गया है, जिसमें 2 फीसदी तक घट-बढ़ हो सकती है। इस पर मार्च में समीक्षा की जानी है लेकिन सीतारमण और दास के बीच चर्चा के बाद इसमें बदलाव की संभावना नहीं है।
वित्त मंत्राी और आरबीआई गवर्नर के साथ दोनों विभागों के संबंधित अधिकारियों की बजट बाद बैठक मंगलवार को हुई थी। बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने आरबीआई को अपनी संपत्तियों के निवेश में अमेरिकी बॉन्ड से इतर भी विविधता लाने की सलाह दी थी ताकि उस पर ज्यादा प्रतिफल हासिल हो सके। अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही आरबीआई भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार का विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करता है। इससे मिलने वाले प्रतिफल का आरबीआई के अर्जित मुनाफे में बड़ा हिस्सा होता है। बैंक इसी मुनाफे में से बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार को देता है।
रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के लिए 57,128 करोड़ रुपये अगस्त 2020 में ही वित्त मंत्रालय को दे चुका है। हालांकि आरबीआई ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि इस साल लाभांश कम हो सकता है, लेकिन मंत्रालय इसके लिए तैयार नहीं है। मंत्रालय ने आरबीआई को अपनी संपत्तियां ज्यादा प्रतिफल वाले साधनों में निवेश करने को कहा है। इस पर केंद्रीय बैंक ने तर्क दिया कि अधिक प्रतिफल के लिए आरबीआई को ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले वैश्विक मुद्रा बाजार में निवेश करना होगा। आरबीआई का वित्त वर्ष इस साल 31 मार्च को समाप्त होगा। पहले यह 30 जून को समाप्त होता था। चालू वित्त वर्ष में वित्त मंत्रालय ने दो बार उधारी लक्ष्य में संशोधन किया था।
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