नेस्ले इंडिया के शुद्ध लाभ में दिसंबर तिमाही के दौरान मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई। कंपनी का कर पश्चात मुनाफा सालाना आधार पर 0.2 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 483.3 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 472.6 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की शुद्ध बिक्री इस दौरान 9.2 फीसदी बढ़कर 3,418 करोड़ रुपये रही, जो पहले 3,131 करोड़ रुपये रही थी। बिक्री में हुई बढ़त में देसी बाजार का अहम योगदान रहा। देसी कारोबार (जो कंपनी के राजस्व में 90 फीसदी से ज्यादा का योगदान करता है) 10.1 फीसदी बढ़ा जबकि निर्यात में इस दौरान 7.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। नेस्ले कैलेंडर वर्ष को ही वित्त वर्ष मानती है और इस तरह से कंपनी ने 2020 के लिए सालाना वित्तीय आंकड़ा सामने रख दिया। कोविड के कारण पैदा हुए अवरोध के बावजूद कंपनी की बिक्री 2020 में 8.1 फीसदी बढ़ी और देसी बिक्री में 8.5 फीसदी का इजाफा हुआ। देश भर में घरेलू उपभोग वाले सामान की बिक्री में तेजी से रेडी टु कुक व रेडी टु इट पोर्टफोलियो में इजाफा देखने को मिला। फर्म ने कहा कि उसके पोर्टफोलियो के करीब दो तिहाई में दो अंकों की बढ़त दर्ज हुई क्योंकि ऐसे उत्पादों की मांग ज्यादा थी। संयोग से नेस्ले का इंस्टेंट नूडल्स, डेयरी वाइटनर, वेफर्स और कन्फेक्शनरीज आदि में स्थानीय बाजार में वर्चस्व है। 2020 में कंपनी की बिक्री साल 2019 के 12,295 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 13,390 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। नेस्ले ने कहा कि उसकी देसी बिक्री में हुई बढ़त में वॉल्यूम आदि का बड़ा योगदान रहा। दिसंबर तिमाही की तरह कंपनी के पूरे साल के मार्जिन पर असर पड़ा। साल 2020 में उसके शुद्ध लाभ की रफ्तार राजस्व के मुकाबले कमजोर रही। नेस्ले ने 2,082 करोड़ रुपये का मुनाफा घोषित किया, जो साल 2019 के 1,968 करोड़ रुपये के मुकाबले 5.8 फीसदी ज्यादा है। महामारी और इस वजह से हुए लॉकडाउन से नेस्ले की ऑनलाइन बिक्री साल 2020 मेंं काफी ज्यादा बढ़ी। ऑनलाइन चैनल में कंपनी ने 111 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और ई-कॉमर्स अब उसकी कुल बिक्री में 3.7 फीसदी का योगदान कर रहा है।
