बढ़ी निकासी तो नए एनएफओ | चिराग माडिया / मुंबई February 16, 2021 | | | | |
शेयर बाजार में तेजी के बावजूद म्युचुअल फंडों से रकम की निकासी का सिलसिला जुलाई से थमा नहीं है। निवेश में कमी थामने और परिसंपत्ति आधार मजबूत करने के लिए 30 लाख करोड़ रुपये वाला म्युचुअल फंड उद्योग अब नई योजनाओं पर दांव लगा रहा है। शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक नए फंड ऑफर से संबंधित दस्तावेज बाजार नियामक सेबी को सौंपे गए। इस वर्ष अब तक 30 नए एनएफओ के लिए आवेदन किए जा चुके हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों के उत्साह पर कोई असर नहीं हुआ है, लेकिन ज्यादातर फंड योजनाओं से रकम की निकासी नहीं थम रही है। इसे देखते हुए ज्यादातर कंपनियों को लगता है कि खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एनएफओ एक सशक्त जरिया हो सकता है।
इस बारे में एक अग्रणी फंड कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, 'एक ओर जहां बाजार रोज नए स्तर पर पहुंच रहा है, वहीं इक्विटी योजनाओं से निवेशक रकम निकालते जा रहे हैं। एनएफओ लाकर इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश लाने की रणनीति फिलहाल कारगर लग रही है।'
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जनवरी के बीच म्युचुअल फंडों ने एनएफओ के जरिये प्रति निर्गम औसत 614 करोड़ रुपये के हिसाब से 34,397 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले महीने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बिजनेस साइकल फंड ने 4,185 करोड़ रुपये जुटाए थे।
जनवरी में शेयर केंद्रित फंड योजनाओं से 9,253 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हो चुकी है। जुलाई से अब तक निवेशक इक्विटी योजनाओं से 42,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। दूसरी तरफ इस दौरान सेंसेक्स में करीब 50 प्रतिशत से अधिक तेजी आ चुकी है।
हाल के दिनों में बड़ी म्युचुअल फंड कंपनियों के कुछ प्रमुख एनएफओ 500 करोड़ रुपये से 1,200 करोड़ रुपये (प्रत्येक एनएफओ) रकम जुटा चुके हैं।
पिछले कुछ दिनों में सेबी के पास जिन एनएफओ के लिए आवेदन सौंपे गए हैं उनमें पैसिव और एक्टिव फंड दोनों शामिल हैं। इनके अलावा रीट, फंड ऑफ फंड्स, एक्सचेंज ट्रेडेड
फंड (ईटीएफ), इंडेक्स फंड आदि शामिल हैं। डेट श्रेणी में फ्लोटिंग रेट फंड और निफ्टी पीएसयू बॉन्ड प्लस इंडेक्स फंड उतारे जा रहे हैं। इस रुझान पर मिराई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एमएसी) के सीईओ स्वरूप मोहंती ने कहा, 'हमने पैसिव खंड से दो एनएफओ के लिए आवेदन किए हैं। ये दोनों बाजार में नई योजनाएं हैं। हमारा मानना है कि एक्टिव और पैसिव फंडों के मिश्रण से निवेशकों को एक बेहतर पोर्टफोलियो तैयार करने में मदद मिलेगी।'
कंपनी मिराई ऐसेट ग्लोबल नेक्स्टजेन टेक फंड ऑफ फंड और मिराई ऐसेट यूएस एफएएनजी प्लस ने ईटीएफ योजनाएं लाने के लिए सेबी से इजाजत मांगी है। एनएफओ से परिसंपत्ति प्रबंधकों को नई परिसंपत्तियां प्राप्त करने के साथ ही वितरकों को ऊंचा शुल्क अर्जित करने का मौका भी देते हैं।
म्युचुअल फंड उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'लॉकडाउन के कारण पिछले वित्त वर्ष के पहले कुछ महीनों में एनएफओ खंड में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। हालांकि अब बाजार में नए फंड आने से फंड कंपनियों और फंड वितरकों दोनों को लाभ मिल रहा है।'
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