ढाई लाख रुपये से कम प्रीमियम वाली यूलिप ही सही | संजय कुमार सिंह / February 14, 2021 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाओं (यूलिप) में निवेश करने वालों को झटका दिया है। उन्होंने सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली यूलिप पर आयकर अधिनियम की धारा 10(10डी) के तहत मिलने वाली कर छूट खत्म कर दी। इन पॉलिसियों पर अब परिपक्वता के समय 10 फीसदी कर वसूला जाएगा। यूलिप पर धारा 10(10डी) के तहत छूट देने का मकसद छोटे ग्राहकों को बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना था। लेकिन बीमा की आड़ में ऊंचे प्रीमियम वाली कई यूलिप निवेश के ही मकसद से खरीदी जा रही थीं।
अब अधिक प्रीमियम वाली यूलिप पर भी उसी तरह से कर वसूला जाएगा, जैसा इक्विटी म्युचुअल फंड जैसी दूसरी निवेश योजनाओं पर लिया जाता है। क्वांटम ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी जिमी पटेल कहते हैं, 'निवेश पर केंद्रित योजनाओं के साथ एक जैसा बरताव होना चाहिए। यदि किसी एक योजना में परिपक्वता पर मिलने वाली रकम को कर से छूट मिलती है तो उसी जैसी कोई दूसरी योजना परिपक्वता राशि पर कर लगाने की वजह से पिछड़ जाती है।'
क्या होगा असर?
जो निवेशक पहले ही ऊंचे (2.5 लाख रुपये सालाना से अधिक) प्रीमियम वाली यूलिप खरीद चुके हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह बदलाव उनकी योजना पर लागू नहीं होगा। बदलाव केवल उन यूलिप पर लागू होंगे, जो 1 फरवरी, 2021 को खरीदी गई हैं या उसके बाद खरीदी जा रही हैं। एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर अशोक शाह समझाते हैं, 'जो लोग पहले ही यूलिप खरीद चुके हैं, उन्हें फिक्र नहीं करनी है क्योंकि उन्हें पहले की तरह कर छूट मिलती रहेगी।'
भविष्य में जब भी आप धारा 10(10डी) के तहत यूलिप प्राप्ति पर कर की गणना करेंगे तो आपकी सभी यूलिप के प्रीमियम जोड़े जाएंगे और देखा जाएगा कि इनका जोड़ 2.5 लाख रुपये से अधिक तो नहीं है। इसलिए अगर आप चतुराई दिखाते हुए अलग-अलग कंपनियों से यूलिप खरीदने की सोच रहे हैं और आपको लग रहा है कि किसी भी पॉलिसी में एकमुश्त 2.5 लाख रुपये सालाना प्रीमियम नहीं भरने के कारण आप बच जाएंगे तो यह मशक्कत बेकार है।
अभी तक यूलिप का पलड़ा इसलिए भारी रहता था क्योंकि निवेशक एक पाई भी खर्च किए बगैर एक फंड से दूसरे फंड में जा सकते थे। इसके उलट म्युचुअल फंड में इस तरह का बदलाव करते ही पूंजीगत लाभ कर देना पड़ता था और कई बार तो एक्जिट लोड भी वसूला जाता था। विशेषज्ञों को अभी पूरे तौर पर यह नहीं पता कि अधिक प्रीमियम वाली यूलिप में कर दिए बगैर फंड बदलने की सुविधा जारी रहेगी या नहीं। सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार पर्सनलफाइनैंसप्लान के संस्थापक दीपेश राघव कहते हैं, 'अब उन्हें पूंजीगत संपत्ति माना जाएगा तो फंड बदलने पर कर वसूला भी जा सकता है। लेकिन इस मामले में तस्वीर साफ होने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के दिशानिर्देशों का इंतजार किया जाना चाहिए।'
ऊंचे प्रीमियम वाली पॉलिसियों का आकर्षण वाकई में घट गया है। वैलिडस वेल्थ के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु कहते हैं, '2.5 लाख रुपये से कम प्रीमियम वाली पॉलिसियों पर कर छूट मिलती रहेगी। ग्राहकों को अब ऐसी पॉलिसियों तक ही सीमित रहना चाहिए।'
तो आप क्या करें?
ज्यादातर निवेशक, खास तौर पर युवा निवेशक अपने निवेश और बीमा को अलग-अलग रखें। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार विशाल धवन की सलाह है, 'उस सूरत में बीमा के मामले में उनके पास पूरी छूट होगी। वे अपने ऊपर मौजूद जिम्मेदारी और अपनी उम्र के हिसाब से टर्म बीमा कवर को कम या ज्यादा कर सकते हैं। निवेश के मोर्चे पर भी वे यूलिप की तरह एक ही कंपनी के फंड प्रबंधकों के सहारे रहने के बजाय तमाम संपत्ति श्रेणियों और उप श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ फंड प्रबंधकों का चुनाव कर सकते हैं।' म्युचुअल फंड में निवेश करने पर विषय या थीम आधारित निवेश करने की आजादी मिल जाती है।
अच्छी समझ-बूझ और जानकारी वाले धनाढ्य निवेशक रणनीति बनाकर यूलिप में निवेश कर सकते हैं। उनके लिए चेरुवु की राय है, 'उन्हें अपनी कुल संपत्ति का 80-90 फीसदी हिस्सा इक्विटी फंडों में लगाना चाहिए। उनके पास टर्म बीमा भी होना चाहिए। उनकी कुल रकम का करीब 10-20 फीसदी हिस्सा यूलिप में निवेश किया जा सकता है।' धवन की सलाह खास तौर पर उन निवेशकों के लिए है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते। ऐसे निवेशक यूलिप की लंबी लॉक-इन अवधि का फायदा उठा सकते हैं। जो बचत के मामले में अनियमित रहते हैं, उन लोगों में भी यूलिप की वजह से जरूरी अनुशासन आ जाता है।
आखिर में राय यही है कि पिछले दो साल में पेश की गई कम खर्च वाली यूलिप अगर खरीदी हैं तो उनका साथ बिल्कुल मत छोडि़ए। साथ ही ऐसी बीमा कंपनी चुनिए, जिसकी निवेश टीम बढिय़ा है और लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न हासिल करने का जिसका रिकॉर्ड रहा हो।
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