उत्तर प्रदेश में इस बार होने वाले पंचायत चुनावों में सभी सीटों पर आरक्षण नए सिरे से किया जाएगा। प्रदेश की पंचायतों में चक्रानुक्रम आरक्षण लागू किया जाएगा और वर्ष 1995 से 2015 तक हुए पांच चुनावों को आरक्षण तय करने का आधार माना जाएगा। नई व्यवस्था के तहत जो पंचायतें अभी तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और पिछड़ा वर्ग के लिए कभी आरक्षित नहीं हुई वह अब अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद के लिए आरक्षण लिस्ट जारी कर दी गई। अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित जबकि 12 महिला, 27 पिछड़ा वर्ग और 16 अनुसूचित जाति में आरक्षित किए गए हैं। ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित, 113 महिला, 223 पिछड़ा वर्ग और 171 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं। प्रदेश में पहली बार 5 ब्लॉक प्रमुखों के पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किए गए हैं। ग्राम प्रधानों के लिए 20,268 पद अनारक्षित, 9,739 महिला, 15,712 पिछड़ा वर्ग और 12,045 अनुसूचित जाति जबकि 330 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किए गए हैं। सिंह ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद में शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई जिलों को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है। कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर जिलों में पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा। इसी तरह से पिछड़ा वर्ग महिला के लिए संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर वाराणसी और बदायूं जिलों में पिछड़ा वर्ग के लिए आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संत कबीर नगर, चंदौली, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आरक्षित होगा। गोरखपुर, देवरिया,महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती व अयोध्या सहित 27 जिले सामान्य के लिए घोषित किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि महिलाओं का 33 फीसदी आरक्षण का कोटा हर चुनाव में पूरा होता रहा है जिसे इस चुनाव में भी जारी रखा जाएगा। प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर के आरक्षण की क्षेत्रवार सूची जल्दी ही जारी की जाएगी।
