कर लाभ के लिए आवास प्रमाण पत्र सौंपेंगे एफपीआई | श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली February 12, 2021 | | | | |
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को लाभांश पर कम कर दरों का लाभ उठाने के लिए उन कंपनियों के पास अपने कर-निवास प्रमाण पत्र (टीआरसी) सौंपनें होंगे, जिनमें उन्होंने निवेश कर रखा हो।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) जल्द ही इस बारे में चिंताएं और अनिश्चितताएं दूर करने के लिए एक सर्कुलर जारी करेगा और इससे कंपनियों तथा एफपीआई को नई व्यवस्था पर आसानी से अमल करने में मदद मिलेगी।
मौजूदा समय में, विदहोल्डिंग कर प्रावधानों में भारतीय कंपनियों को एफपीआई को चुकाए जाने वाले लाभांश के संदर्भ में स्रोत पर कर (टीडीएस) कटौती के वक्त कम संधि दरों के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं है।
सरकार ने एफपीआई के लिए संधि दर के अनुसार टीडीएस लागू किए जाने के लिए 1 फरवरी को बजट में प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के अनुसार, लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा या भुगतान के बाद ही होगी। इस कदम का मकसद एफपीआई के लिए लाभांश पर टीडीएस को और ज्यादा तर्कसंगत बनाना, इसे संधि दर के अनुरूप लाना था, जो 5-15 प्रतिशत (जो अब तक कंपनियों द्वारा लागू 20 प्रतिशत के मुकाबले कम है) हो सकती है।
हालांकि कंपनियों ने परिचालन समस्याओं का हवाला देकर यह लाभ मुहेया कराने को लेकर अनिच्छा जताई थी।
एक अधिकारी ने कहा, 'एफपीआई को कम दरों का लाभ पाने के लिए कोई दस्तावेज या पूरक दस्तावेज सौंपने की जरूरत नहीं होगी।' उन्होंने यह भी कहा कि वित्त विधेयक, 2021 आयकर अधिनियम की धारा 196 डी के संशोधन से जुड़ा होगा।
हालांकि एफपीआई को अनिवासी के तौर पर भी वर्गीकृत किया गया है, जिससे उनके लिए विदहोल्डिंग कर दरें आयकर अधिनियम की अलग धारा 196डी के तहत निर्धारित की गई हैं।
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