निफ्टी की आय में फिर से कमजोरी | कृष्ण कांत / मुंबई February 12, 2021 | | | | |
तीसरी तिमाही के आय सीजन के पहले आधे हिस्से में सुधार के बाद, निफ्टी-50 सूचकांक की प्रति शेयर आय (ईपीएस) फिर से गिरावट की राह पर आई है। सूचकांक की कई कंपनियों ने इस सप्ताह आय में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की है।
निफ्टी-50 सूचकांक बुधवार को 361.3 रुपये की ईपीएस के साथ बंद हो जबकि इस महीने के शुरू में उसने 378 रुपये का ताजा ऊंचा स्तर बनाया था। सूचकांक ने चालू आय सीजन की शुरुआत 364 रुपये के आसपास की है। भारतीय स्टेट बैंक, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, बजाज फाइनैंस, ऐक्सिस बैंक, और इंडसइंड बैंक ने अपनी आय में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की है जिससे सूचकांक की ईपीएस नीचे आई है।
सूचकांक की ईपीएस में ताजा कमजोरी के साथ साथ शेयर बाजारों पर बजट के बाद आई तेजी ने भी सूचकांक मूल्यांकन में वृद्घि को बढ़ावा दिया। सूचकांक का ट्रेलिंग पीई मल्टीपल सोमवार को 42 गुना की नई ऊंचाई पर पहुंच गया था और बुधवार को यह 41.8 गुना के पीई मल्टीपल पर बंद हुआ।
पिछले महीने बाजार 40 गुना के पीई अनुपात की ऊंचाई पर पहुंचा था और मूल्यांकन बाद में बजट से एक दिन पहले घटकर 36.6 गुना के दो महीने के निचले स्तर पर रह गया।
39 निफ्टी कंपनियों ने दिसंबर 2020 तिमाही के लिए अपने नतीजों की घोषणा की है। कुल मिलाकर, इन कंपनियों ने तीसरी तिमाही में 1.07 लाख करोड़ रुपये का शुद्घ लाभ दर्ज किया है जो सालाना आधार पर 32.8 प्रतिशत तक ज्यादा है। इन कंपनियों का संयुक्त राजस्व सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत तक बढ़कर 10.7 लाख करोड़ रुपये रह गया। सूचकांक की कंपनियों के तिमाही राजस्व में लगातार तीन तिमाहियों की कमजोरी के बाद यह सालाना आधार पर पहली वृद्घि थी। पिछली दो तिमाहियों में कॉरपोरेट आय में तेजी का पूरा असर हालांकि मार्च और जून 2020 तिमाहियों की आय में गिरावट की भरपाई के तौर पर दिखना बाकी है।
इसके परिणामस्वरूप, सूचकांक कंपनियों की पिछले 12 महीनों (टीटीएम) की आय सालाना आधार पर अभी भी कम है। नमूने में शामिल सूचकांक कंपनियों ने दिसंबर 2020 की तिमाही में करीब 2.74 लाख करोड़ रुपये की टीटीएम आय दर्ज की, जो दिसंबर 2019 में दर्ज 2.88 लाख करोड़ रुपये की सर्वाधिक टीटीएम आय से करीब 5 प्रतिशत कम है।
यह बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि शेयर मूल्यांकन अनुपात (जैसे पीई मल्टीपल) की गणना टीटीएम आय और ईपीएस के आधार पर की जाती है। हालांकि सूचकांक कंपनियों और सूचकांक की ईपीएस में कोई सीधा सबंध नहीं है, क्योंकि विभिन्न कंपनियों के सूचकांक भारांक में बड़ा अंतर होता है।
सूचकांक कंपनियों में, शुद्घ लाभ में सबसे बड़ी तेजी धातु एवं खनन क्षेत्र, तेल एवं गैस कंपनियों (रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर), सीमेंट कंपनियों, और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दर्ज कीगई।
उदाहरण के लिए, टाटा स्टील तिमाही के दौरान सूचकांक की आय में सालाना वृद्घि के लिहाज से अब एकमात्र सबसे बड़ी कंपनी है, जिसके बाद इंडियन ऑयल, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारती एयरटेल, और भारत पेट्रोलियम का स्थान है। संयुक्त रूप से इन 5 पांचों कंपनियों का तीसरी तिमाही के दौरान सूचकांक आय की वृद्घि में करीब 50 प्रतिशत का योगदान रहा। हालांकि इन कंपनियों का सूचकांक में कम भारांक है, जिससे सूचकांक की कुल आय और ईपीएस पर इनका प्रभाव सीमित है।
सूचकांक की आय पर आरआईएल, आईटी कंपनियों, निज क्षेत्र के रिटेल ऋणदाताओं, और एफएमसीजी कंपनियों का दबदबा है।
हालांकि तेजडिय़ों को निफ्टी आय और ईपीएस मार्च 2021 तिमाही के अंत तक नई ऊंचाई पर पहुंच जाने का अनुमान है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने लिखा है, 'वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के आय सीजन ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही की गति को कायम रखा और इस अवधि में अनुमानों में अपग्रेड का सिलसिला बरकरार रहा। सभी क्षेत्रों और कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टिप्पणियां उत्साहजनक हैं।'
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