राज्यपाल को नहीं करने दी गई सरकारी विमान से यात्रा | सुशील मिश्र / February 11, 2021 | | | | |
महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच विवाद एक बार फिर बढ़ गया है। सरकार ने कोश्यारी को गुरुवार को हवाई यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस संबंध में राज्यपाल सचिवालय ने महाराष्ट्र सरकार को 2 फरवरी को पत्र लिखा था। लेकिन उन्हें सरकारी विमान से जाने की अनुमति नहीं मिली। विपक्ष ने इस राज्य के लिए काला दिन बताते हुए सरकार को राज्यपाल से माफी मांगने को कहा जबकि राज्य सरकार इस घटना के लिए राजभवन के अधिकारियों को दोषी बताया।
कोश्यारी गुरुवार को एक सरकारी विमान से उत्तराखंड के देहरादून जाने वाले थे, लेकिन उड़ान की अनुमति नहीं दी गई, जबकि राज्यपाल विमान में चढ़ चुके थे। राज्यपाल बाद में एक वाणिज्यिक उड़ान से रवाना हुए। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल के सचिवालय ने 2 फरवरी को राज्य सरकार के अधिकारियों को पत्र लिखकर विमान के उपयोग की अनुमति मांगी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसके बारे में सूचित किया गया था।
मुख्यमंत्री जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि राजभवन सचिवालय को राज्यपाल की यात्रा से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि राज्यपाल को विमान का उपयोग करने की अनुमति थी या नहीं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में राज्य सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। बयान में कहा गया कि राजभवन ने राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि वह राज्यपाल को विमान ले जाने की अनुमति दे। नियमों के अनुसार, सरकारी विमान में सवार होने से पहले अनुमति मांगी जाती है और मंजूरी के बाद ही विमान उपलब्ध कराया जाता है। बुधवार, 10 फरवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय ने एक संदेश भेजा था कि विमान के उपयोग को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है। यह मंजूरी मिलने के बाद, राजभवन सचिवालय से राज्यपाल की उड़ान की योजना बनाने और उन्हें हवाई अड्डे पर लाने की उम्मीद की गई थी। हालांकि, जैसा कि राजभवन के संबंधित अधिकारियों ने अनुमोदन के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया था, राज्यपाल सरकारी विमान से वांछित स्थान पर नहीं जा सकते थे।
राजभवन के बयान के अनुसार, कोश्यारी शुक्रवार को उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस अधिकारियों के 122वें प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि एमवीए सरकार को राज्यपाल का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना नीत गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह अहंकारी है और बचकाना हरकतें कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है। इस तरह की घटना राज्य में पहले कभी नहीं हुई थी। राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पद है। राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की पूरी यात्रा का कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया था। मुख्य सचिव इस बारे में जानते थे और मुख्यमंत्री के पास भी एक फाइल गई थी। लेकिन जानबूझ कर, राज्यपाल को विमान में बैठने की अनुमति नहीं दी गई और आखिरकार उन्हें विमान से उतरना पड़ा। मुख्यमंत्री और सरकार का इस तरह का अहंकारी रवैया दिखाना गलत है, इस घटना से राज्य की छवि धूमिल होगी।
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