एसबीआई: 10,000 अरब के होम लोन का लक्ष्य! | सुब्रत पांडा / मुंबई February 10, 2021 | | | | |
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अपने आवास ऋण (होम लोन) पोर्टफोलियो को 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने में करीब 10 साल लगे। अब उसने अगले पांच साल में होम लोन पोर्टफोलियो दोगुना कर 10 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। तमाम बैंक और आवास वित्त कंपनियां होम लोन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कड़ी प्रतिस्पद्र्घा कर रही हैं।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक को वित्त वर्ष 2024 तक होम लोन पोर्टफोलियो के 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। लोगों के कम उम्र में ही मकान होने की इच्छा, बढ़ती आय और सरकार की नीतियों से होम लोन को बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने कहा, 'बाजार में प्रतिस्पद्र्घा बढ़ रही है लेकिन हम अपनी क्षमता भी बढ़ा रहे हैं। हमने ऐसा ढांचा तैयार किया है जिससे जमीनी स्तर पर आपूर्ति में सुधार आएगा और कारोबार भी बढ़ेगा।' 2011 में एसबीआई को होम लोन कारोबार 89,000 करोड़ रुपये का था और अगले दस साल में यह बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये हो गया। अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के होम लोन बाजार में एसबीआई की हिस्सेदारी 34 फीसदी है।
एसबीआई की ऐसेट बुक में होम लोन सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है, जिसकी हिस्सेदारी दिसंबर 2020 में करीब 23 फीसदी थी। 5 लाख करोड़ रुपये में से करीब 4.86 लाख करोड़ रुपये का होम लोन है और शेष बिल्डरों को फाइनैंस किया गया है। इसके साथ ही कुल होम लोन खाते में अन्य फर्मों से खरीदे गए ऋण की हिस्सेदारी करीब 23 फीसदी है।
होम लोन कारोबार में एसबीआई का सबसे बड़ा प्रतिस्पद्र्घी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) है। दिसंबर 2020 तक एसडीएफसी का परिसंपत्ति प्रबंधन 5.52 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें बेचे गए ऋण भी शामिल हैं। इसका व्यक्तिगत लोन बुक 3.51 लाख करोड़ रुपये और कॉरपोरेट का ऋण 1.24 लाख करोड़ रुपये था।
अगले पांच साल में होम लोन पोर्टफोलियो को दोगुना करने के लिए एसबीआई अपनी अंडरराइटिंग क्षमता बढ़ा रहा है, जिससे वह जमीनी स्तर पर आपूर्ति में सुधार ला सकता है। इसके साथ ही उसने खुदरा ऋण प्रबंधन व्यवस्था भी शुरू की है जिससे ऋण आवंटन के समय में कमी आएगी। मौजूदा समय में बिल्डर गठजोड़ वाले ऋण श्रेणी में बैंक पांच दिन में ऋण आवंटित करता है अन्य श्रेणी में होम लोन आवंटन में 12 दिन का वक्त लगता है।
बैंक कृत्रिम मेधा (एआई), क्लाउड, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन के उपयोग की भी संभावना तलाश रहा है जिससे न केवल होम लोन बल्कि अन्य बैंक के कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई होम लोन के लिए को-लैंडिंग मॉडल शुरू करने पर भी विचार कर रहा है, जिससे असंगठित क्षेत्र में इसकी मौजूदगी बढ़ेगी।मकान खरीदने के रुझान में बदलाव के बारे में खारा ने कहा, 'होम लोन की मांग अर्थव्यवस्था और जनसांख्यिकी पर निर्भर करती है। युवा पीढ़ी कम उम्र में ही अपना मकान चाहते हैं। हमने देखा है कि हमारे 42 फीसदी ग्राहक 40 साल या इससे कम उम्र के हैं।'
खारा ने कहा, 'युवा पीढ़ी की आय बढऩे, उनकी आकांक्षाओं और एकल परिवार की अवधारणा की वजह से लोग कम उम्र में ही मकान खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं।' अर्थव्यवस्था में उधारी मांग की रफ्तार धीमी है लेकिन होम लोन की अच्छी मांग है। इससे ऋणदाता भी इस कारोबार पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि होम लोन में डिफॉल्ट की दर भी काफी कम है और इस सेगमेंट में फंसे कर्ज का अनुपात महज 0.68 फीसदी है। भारतीय रिजर्व बैंक के कोविड पैकेज के तहत ऋण पुनर्गठन के लिए 30 लाख कर्जदार पात्र थे लेकिन उनमें से केवल 10,000 ग्राहकों ने ही पुनर्गठन का विकल्प अपनाया है, जो कुल 2,500 करोड़ रुपये है। एसबीआई के होम लोन का औसत आकार करीब 31 लाख रुपये का है जो पहले 25 लाख रुपये था। बैंक की कुल लोन बुक में शहरी, कस्बाई और ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदार 51 से 52 फीसदी है, बाकी महानगरों के ग्राहक शामिल हैं। बैंक के करीब 72 फीसदी होम लोन ग्राहक वेतनभोगी हैं, जो कर्ज चुकाने के लिए प्रतिबद्घ होते हैं। बैंक के करीब 60 फीसदी होम लोन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर न्यूनतम 750 है।
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