सागर के खारे पानी को पीने योग्य बनाने की कवायद तेज | सुशील मिश्र / मुंबई February 10, 2021 | | | | |
महाराष्ट्र सरकार अब मुंबई के समुद्र के खारे पानी को भी मीठा (पीने योग्य) बनाने की कोशिशों में जुटी है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) जल्द ही कामकाज शुरू कर सकती है। बीएमसी ने दावा किया है कि इस संयंत्र से रोज 20 करोड़ लीटर पानी मिलेगा। इससे संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति में बिना किसी चर्चा के मंजूर हो गया है।
बीएमसी ने समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए एक सलाहकार कंपनी की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इजरायल की कंपनी आईडीई वाटर टेक्नोलॉजी को यह काम सौंपा गया है। यह कंपनी अगले 8 महीनों में परियोजना से संबंधित रिपोर्ट बीएमसी प्रशासन को सौंपेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस परियोजना को शुरू करने के लिए अपनी सहमति जताई है।
बीएमसी स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन यशवंत जाधव के मुताबिक शहर में पीने के पानी की भारी किल्लत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने यह तैयारी शुरू की है। मनोरी में राज्य पर्यटन विभाग ने इस काम के लिए तकरीबन 12 एकड़ जमीन मुहैया करवाई है जहां पर परियोजना से संबंधित संयंत्र को लगाया जाएगा। जाधव के मुताबिक इजराइल की आईडीई वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी देश और विदेश में कई जगहों पर खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए उपकरण लगाए हैं। फिलहाल यहां शुरुआत में 20 करोड़ लीटर खारे पानी को पीने योग्य बनाने की परियोजना पर काम किया जाएगा। बाद में इसकी क्षमता को बढ़ाकर 40 करोड़ लीटर कर दिया जाएगा।
इस परियोजना के पहले चरण में तकरीबन 1,920 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम इजराइल की कंपनी को दिया गया है जिसके लिए बीएमसी कंपनी को साढ़े पांच करोड़ रुपये देगी। इसके अलावा निविदा का मसौदा बनाने के लिए 40 लाख रुपये दिए जायेंगे। हालांकि प्रोजेक्ट रद्द हुआ तो ये पैसे कंपनी द्वारा बीएमसी को वापस लौटाए जाएंगे। गौरतलब है कि मुंबई को रोजाना सात तालाबों से 380 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है लेकिन बारिश कम होने पर मुंबईकरों को 10 से 15 फीसदी तक पानी कटौती का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा आने वाले समय में मुंबई की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखकर समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाने के लिए बीएमसी ने यह संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है।
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