इक्विटी फंडों में सातवें महीने बड़ी निकासी | चिराग मडिया / मुंबई February 09, 2021 | | | | |
बाजार में तेजी के बावजूद, इक्विटी-केंद्रित म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं ने जनवरी में (लगातार सातवें महीने) बड़ी तादाद में बिकवाली दर्ज की। पूंजी निकासी (एमएफ यूनिट की खरीद और बिक्री के बीच अंतर) 9,253 करोड़ रुपये पर दर्ज की गई। जुलाई से, निवेशकों ने इक्विटी योजनाओं से 42,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाली है, क्योंकि सेंसेक्स इस अवधि के दौरान करीब 50 प्रतिशत चढ़ा।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि हालांकि जनवरी में पूंजी निकासी का मात्रा पूर्ववर्ती दो महीनों के मुकाबले कम थी, लेकिन 6,000 करोड़ रुपये के सात महीने के औसत की तुलना में यह ज्यादा है।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि मार्च 2020 के निचले स्तरों से बाजार में आई शानदार तेजी के बाद हुई मुनाफावसूली और प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश इस बड़ी बिकवाली की मुख्य वजह हैं।
यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के मुख्य कार्याधिकारी जी प्रदीप कुमार ने कहा, 'पिछले कुछ महीनों में निवेशकों ने मुनाफावसूली की और उन्होंने अल्पावधि डेट फंडों में अपनी पूंजी लगाई। लेकिन जनवरी में, ऐसा नहीं हुआ, और हमने चुनौतीपूर्ण रुझान देखा जिसमें लोगों ने म्युचुअल फंडों में बिकवाली की और इक्विटी बाजार में प्रत्यक्ष रूप से दांव लगाने पर जोर दिया।'
मल्टी-कैप, डिविडेंड यील्ड और थीमेटिक फंडों को छोड़कर, इक्विटी सेगमेंट में सभी अन्य उप-श्रेणियों ने जनवरी में बड़ी निकासी दर्ज की।
लार्ज-कैप फंडों ने 2,853 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी दर्ज की, जबकि वैल्यू फंडों में 1,640 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई। नई फ्लेक्सीकैप श्रेणी में भी 5,933 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई।
सेबी द्वारा परिभाषा में बदलाव लाए जाने की पहल के बाद पिछले महीने, कई एमएफ समूहों ने अपनी मल्टीकैप योजनाओं को फ्लेक्सीकैप के तौर पर पुन:-वर्गीकृत किया था।
जून से मल्टीकैप श्रेणी ने बड़ी तादाद में शुद्घ निकासी दर्ज की है। जनवरी में, 16 मल्टीकैप फंडों को फ्लेक्सीकैप के तौर पर पुन: श्रेणीबद्घ किया गया था। मॉर्निंगस्टार इंडिया में सहायक निदेशक (मैनेजर, रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि इसलिए, मल्टीकैप से निकासी अब फ्लेक्सीकैप पर केंद्रित हो गई है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लांस (एसआईपी) के जरिये पूंजी निवेश 8,023 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया, जबकि एसआईपी की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) जनवरी 2020 में 3.9 लाख करोड़ रुपये पर थीं।
प्रदीप कुमार ने कहा, 'जहां इक्विटी फंडों में बिकवाली दिखी है, वहीं एसआईपी के आंकड़े बेहतर लग रहे हैं और इक्विटी-आधारित योजनाओं के फोलियों में इजाफा हुआ है।' जनवरी 2021 तक, इक्विटी-आधारित योजनाओं के फोलियो की संख्या 6.44 करोड़ थी, जो दिसंबर में 6.37 करोड़ थी। इससे 700,000 फोलियो की वृद्घि का पता चलता है।
जनवरी में डेट सेगमेंट में भी 33,409 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी दर्ज की गई।
जनवरी में, लिक्विड फंडों में 45,316 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई, जबकि लो-ड्यूरेशन फंडों में 8,041 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई।
कुल मिलाकर, एमएफ उद्योग ने 35,587 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी दर्ज की, जबकि शुद्घ एयूएम का आंकड़ा 30.5 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया।
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